Literacy Rate: देश में साक्षरता की दर में पिछले 11 वर्षों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि अब भारत की साक्षरता दर 80.9 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह जानकारी सोमवार को जारी की गई। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश पूर्ण साक्षरता हासिल करने वाला पांचवां राज्य बन गया है। ‘उल्लास नव भारत साक्षरता’ कार्यक्रम से 3 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं, जो साक्षरता अभियान की सफलता दर्शाता है। यह प्रगति शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की कोशिशों का नतीजा है।
साक्षरता दर में वृद्धि
शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2011 से 2022 तक साक्षरता दर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पहले जहां यह 73 प्रतिशत के आसपास थी, अब 80 प्रतिशत से ऊपर है। इस बढ़ोतरी से ग्रामीण इलाकों में महिलाओं और कमजोर वर्गों की शिक्षा में सुधार हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि ‘उल्लास नव भारत साक्षरता’ जैसे कार्यक्रमों से लाखों लोग साक्षर बने हैं।
हिमाचल प्रदेश का उपलब्धि
हिमाचल प्रदेश ने पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता हासिल कर ली है। यह त्रिपुरा, मिजोरम, गोवा और लद्दाख के बाद पांचवां राज्य/केंद्र शासित क्षेत्र है। लद्दाख जून 2024 में पहला पूर्ण साक्षर केंद्र शासित क्षेत्र बना था। शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों की यह सफलता मिसाल है। उन्होंने डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से शिक्षा को बढ़ावा देने का जिक्र किया।
साक्षरता की नई परिभाषा
चौधरी ने कहा कि साक्षरता अब सिर्फ पढ़ना-लिखना नहीं, बल्कि डिजिटल साक्षरता, वित्तीय जागरूकता और नागरिक अधिकारों की समझ भी शामिल है। उन्होंने तीन प्राथमिकताएं बताईं: स्वयंसेवा की भावना बनाए रखना, साक्षरता को कौशल से जोड़ना और इसकी परिभाषा का विस्तार। लद्दाख और गोवा के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए, जहां साक्षरता अभियान सफल रहा।
युवाओं की भूमिका
चौधरी ने युवाओं और छात्रों से अपील की कि वे साक्षरता अभियान में शामिल हों। इसे शैक्षणिक क्रेडिट से जोड़ने का सुझाव दिया। इससे न केवल साक्षरता बढ़ेगी, बल्कि युवा समाज सेवा में योगदान देंगे।
भारत की साक्षरता दर में यह बढ़ोतरी विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 5 राज्यों की पूर्ण साक्षरता से अन्य राज्यों को प्रेरणा मिलेगी। सरकार के प्रयासों से उम्मीद है कि जल्द पूरे देश में साक्षरता 100 प्रतिशत होगी।
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