Balaghat News : अंतर्राज्यों से धान तस्करो के जुड़े तार; मल्लू और विशाल की लीला अपरंपार, तस्करो ने किया लाखो का धान बालाघाट पार!

Rashtrabaan
कार्यवाही : जांच करने पहुंचा प्रशासनिक अमला।

बालाघाट, राष्ट्रबाण। बालाघाट (Balaghat) ज़िला कान्हा नेशनल पार्क और भरपूर खनिज सम्पदा के लिए पुरे देश मे प्रसिद्ध है , जिले मे भरपूर मात्रा मे धान की पैदावार होती है, जिसे सरकार द्वारा समिति के माध्यम से खरीदी कर मिलिंग कराई जाती है। मिलिंग के इस खेल में कुछ धन तस्कर जमकर चांदी कूट रहे है और सरकार से धान मिलिंग के नाम पर बड़ी मलाई काट रहे है। प्रशासन की नाक के नीचे से प्रशासन द्वारा जिले की सीमा पर सजग व्यवस्था के बावजूद ही धान तस्कर करोडो की धान सीमा वर्तिय महराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्यों मे बेच रहे है l
राष्ट्रबाण ने पूर्व मे भी धान तस्कर समीर सचदेव के खिलाफ समाचार प्रकाशित किया था और धान तस्करो के चेहरे उजागर किये थे l अब समीर सचदेव के साथी विशाल गंगवानी और राहुल उर्फ़ मल्लू अग्रवाल धान तस्करी मे सक्रिय होकर शासन के नियमों को दरकिनार करते हुए करोडो की धान बेचने की जुगत मे लगे रहते है l मगर इस बार बालाघाट कलेक्टर मृणाल मीणा के निर्देशन पर बालाघाट जिले की समस्त सीमाओं मे शासकीय धान की तस्करी को रोकने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर चौकसी बढ़ा दी गयी है l

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मृणाल मीणा, बालाघाट कलेक्टर : भ्रष्टाचार बर्दास्त नहीं करूंगा।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धान तस्कर मल्लू अग्रवाल और विशाल गंगवानी बालाघाट जिले के अन्य राईस मिलरो के R O खरीद कर अंदरूनी रास्तो से महाराष्ट्र के गोंदिया ज़िला और छत्तीसगढ़ के राजनांदगाव जिले के उष्णा मिलरो को बेच रहे है l फिर भी बालाघाट कलेक्टर ने इन धान तस्करो पर कार्यवाही करने मे कोई कसर नहीं छोड़ रहे है l

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार MH35K3690, CG04HQ8393, CG08AE6325, CG04L6874, MH14GD7929, MH34AD7229 नम्बर की गाड़िया 23 जनवरी 2025 को लामता उपार्जन केंद्र से शासकीय धान माँ कमला देवी राईस मिल गर्रा के लिए भरी गयी थी l यह सभी गाड़िया गर्रा स्थित राईस मिल न जाकर रात के समय वारासिवनी से डॉगोंरली घाट होते हुए गोंदिया पहुंच गए जिसमे से कुछ स्वस्तिक उष्णा मिल के सामने खड़े पाए गए और कुछ गाड़िया मिल के अंदर जाने की खबर थी जिससे यह समझा जा सकता है की बालाघाट के शासकीय धान को तस्करी कर गोंदिया के कुछ मिलरो को बेचा जा रहा है l

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विशाल गंगवानी, मिलर संचालक : चतुराई धरी रह गई।

उक्त सारे मामले की जानकारी बालाघाट कलेक्टर को मिलते ही कलेक्टर मृणाल मीणा तुरंत एक्शन मे आ गए और माँ कमलादेवी राईस मिल की जाँच के निर्देश दे दिए l जिसमे संयुक्त जाँच दल द्वारा जाँच किये जाने पर पाया गया की बालाघाट गर्रा स्थित राइस मिल के भौतिक सत्यापन में गड़बड़झाला सामने आया है l माँ कमलादेवी राईस मिल की जाँच में 3399 क्विंटल धान अधिक पायी गई, जिस पर संयुक्त जाँच दल द्वारा प्रकरण बनाया गया l जिसमे गुरुवार को लोड हुआ धान राइस परिसर में पहुँचा ही नहीं l

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कलेक्टर मृणाल मीना द्वारा गत दिवस जिला उपार्जन समिति की बैठक में दिए निर्देशानुसार शुक्रवार को संयुक्त जांच दल द्वारा माँ कमला देवी राइस मिल गर्रा की जांच की गई। इस सम्बंध में जिला आपूर्ति अधिकारी श्री मति ज्योति बघेल ने बताया कि मिल संचालक विशाल गंगवानी द्वारा 90 लॉट का अनुबंध कस्टम मिलिंग 2024-25 हेतु नागरिक आपूर्ति निगम से किया गया था। मिलर द्वारा शुक्रवार तक 19 लॉट धान का उठाव कर 10 लॉट सीएमआर नागरिक आपूर्ति निगम को जमा किया गया है। शेष धान का भौतिक सत्यापन करने पर मिल परिसर में 16.85 लॉट धान रखी पायी गयी। जांच के दौरान मिल में 7.85 लॉट (3399 क्विंटल) धान अधिक रखी पायी गयी। इसके अलावा जांच में यह भी सामने आया कि 23 जनवरी गुरुवार को मिल संचालक द्वारा उपार्जन केंद्र लामता से 6 लॉट धान का उठाव किया गया था परंतु शुक्रवार तक मिल में खरीदी केंद्र की धान रखी नही पायी गयी। मौके पर पंचनामा बनाकर प्रकरण तैयार किया गया। जांच के दौरान जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती ज्योति बघेल आर्य, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुनील किरार, मंडी सहायक उप निरीक्षक भानेश्वर तुरकर, गुणवत्ता निरीक्षक अरुण मिश्रा और हर्षित यादव उपस्थित रहे l

राहुल उर्फ़ मल्लू अग्रवाल : धान तस्कर का अघोषित पार्टनर!

आपको बता दे की विशाल गंगवानी इसके पूर्व वी बी राईस मिल का संचालन करते थे 7 लॉट के चावल प्रशासन को जमा नहीं करवाकर उनके द्वारा हेराफेरी की गयी थी जिसके चलते प्रशासन द्वारा उक्त राईस मिल को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था l धान तस्कर विशाल गंगवानी द्वारा फिर से जुगाड़ कर बेहराई मे माँ शक्ति राईस मिल प्रारम्भ की गयी थी उस राईस मिल के भी प्रशासन को 12 लॉट के चावल जमा नहीं कराए गए l महत्वपूर्ण बात यह है की धान तस्कर विशाल गंगवानी बार बार फर्म बदल कर शासन से अनुबंध करके प्रशासन को लाखो की चपत लगाते रहता है और शासन प्रशासन मुक दर्शक बना रहता है l शासन द्वारा नीति जारी की गयी है जिसमे स्पष्ट निर्देश है की जिस मिलर ने पिछले 2 सालो मे 5 प्रतिशत से कम चावल एफ सी आई मे जमा किया है उसके मिलिंग हेतु अनुबंध नहीं होगा l जिसके कारण प्रदेश के लगभग 50 मिलर का अनुबंध नहीं हो पाया लेकिन माँ कमला देवी राईस मिल के मामले मे नियम को दरकिनार करके उक्त निर्देशों की अवहेलना करते हुए ज़िला प्रबंधक मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड बालाघाट ने अनुबंध कर लिया जिसकी उच्च स्तरीय जाँच होना चाहिए ज़िला प्रबंधक महोदय मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड बालाघाट विशाल गंगवानी पर इतनी मेहरबानी क्यों कर रहे है ?

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