पीएम का सोशल मीडिया अकाउंट संभालेंगी महिलाएं : ‘मन की बात’ में घोषणा, कहा- हर क्षेत्र में परचम लहरा रहीं हैं बेटियां

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नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। पीएम मोदी का सभी सोशल मीडिया अकाउंट महिलाएं संभालेंगी। पीएम मोदी ने मन की बात में महिलाओं का जिक्र करते हुए कहा, आप किसी भी क्षेत्र में नजर डालें तो दिखेगा कि महिलाओं का योगदान कितना व्यापक है। इस बार मैं महिला दिवस पर एक खास पहल करने जा रहा हूं। इस अवसर पर मैं अपना सोशल मीडिया अकाउंट्स जैसे एक्स, इंस्टाग्राम देश के कुछ महिलाओं को सौपूंगा। ऐसी महिलाएं जो अलग-अलग क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की हों। अपनी एक अलग पहचान बनाई हो। वो सभी सभी 8 मार्च को अपने अनुभवों को साझा करेंगी। प्लेटफॉर्म मेरा होगा, लेकिन बात आपकी उपलब्धियों की होगी।

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बोर्ड परीक्षाओं को लेकर संदेश

मन की बात कार्यक्रम के 119वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “यह बोर्ड परीक्षा का समय है। मैं अपने युवा-साथियों यानी परीक्षा योद्धाओं को उनकी परीक्षाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आप बिना कोई तनाव लिए पूरी सकारात्मक भावना के साथ अपनी परीक्षाएं दीजिए। हर वर्ष ‘परीक्षा पे चर्चा’ में हम अपने परीक्षा योद्धाओं से परीक्षाओं से जुड़े अलग-अलग विषयों पर बात करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को नए तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया और विशेषज्ञों के साथ आठ अलग-अलग संस्करण इसमें शामिल किए गए। उन्होंने कहा कि इनमें परीक्षाओं के अलावा स्वास्थ्य देखभाल और मानसिक स्वास्थ्य के अलावा खान-पान जैसे विषयों को भी शामिल किया गया। मोदी ने कहा कि साथ ही पिछले ‘टॉपर्स’ ने भी अपने विचार और अनुभव सभी के साथ साझा किए। बहुत से युवाओं, उनके परिजनों और शिक्षकों ने उन्हें पत्र लिखकर बताया है कि ये नए तरीके उन्हें बहुत ही पसंद आए, क्योंकि इसमें हर विषय पर विस्तार से चर्चा की गई।

इसरो के शतक का जिक्र

मन की बात कार्यक्रम के 119वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “इन दिनों चैंपियंस ट्रॉफी चल रही है और हर तरफ क्रिकेट का माहौल है। क्रिकेट में शतक का रोमांच क्या होता है, ये तो हम सब भली-भांति जानते हैं, लेकिन आज मैं, आप सबसे क्रिकेट नहीं, बल्कि भारत ने अंतरिक्ष में जो शानदार शतक बनाई है उसकी बात करने वाला हूं। पिछले महीने देश इसरो के 100वें रॉकेट की लॉन्चिंग के साक्षी बने हैं। यह केवल एक नंबर नहीं है, बल्कि इससे अंतरिक्ष विज्ञान में नित नई ऊंचाइयों को छूने के हमारे संकल्प का भी पता चलता है। हमारी अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत बहुत ही सामान्य तरीके से हुई थी।

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मोटापे पर भी बोले

मन की बात कार्यक्रम के 119वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “देहरादून में राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन के दौरान मैंने एक बहुत ही अहम विषय उठाया है, जिसने देश में एक नई चर्चा की शुरुआत की है – ये विषय है ‘मोटापा’ एक फिट और स्वस्थ राष्ट्र बनने के लिए हमें मोटापे की समस्या से निपटना ही होगा। एक अध्ययन के मुताबिक आज हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे की समस्या से परेशान है। खाने में तेल का कम उपयोग और मोटापे से निपटना यह केवल व्यक्तिगत पसंद नहीं है, बल्कि परिवार के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है। खान-पान में तेल का अधिक इस्तेमाल दिल की बीमारी, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी ढ़ेर सारी बीमारियों की वजह बन सकता है।

वन्य जीव संरक्षण के लिए काम करने वालों का हौसला बढ़ाएं

पीएम मोदी ने अपने ‘मन की बात’ मासिक कार्यक्रम में आज कहा कि क्या आप जानते हैं कि एशियाटिक लायन, हंगुल, पिग्मी हाग और शेर की पूंछ वाला मकाक में क्या समानता है , इसका जवाब है कि ये सब दुनिया में कहीं और नहीं पाए जाते हैं केवल हमारे देश में ही पाए जाते हैं। वाकई हमारे यहाँ वनस्पति और जीव-जंतुओं का एक बहुत ही जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र है और ये वन्य जीव हमारे इतिहास और संस्कृति में रचे-बसे हुए हैं। कई जीव-जन्तु हमारे देवी-देवताओं की सवारी के तौर पर भी देखे जाते हैं। मध्य भारत में कई जन-जातियाँ बाघेश्वर की पूजा करती हैं। महाराष्ट्र में वाघोबा के पूजन की परंपरा रही है। भगवान अयप्पा का भी बाघ से बहुत गहरा नाता है। सुंदरवन में बोनबीबी की पूजा-अर्चना होती है, जिनकी सवारी बाघ है।

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आदिवासी भाई-बहनों का आभार

हमारे यहाँ कर्नाटक के हुली वेशा, तमिलनाडु के पूली और केरला के पुलिकली जैसे कई सांस्कृतिक नृत्य हैं, जो प्रकृति और वन्य जीव के साथ जुड़े हुए हैं। मैं अपने आदिवासी भाई-बहनों का भी बहुत आभार करूंगा, क्योंकि वो वन्य जीव संरक्षण से जुड़े कार्यों में बढ़-चढ़कर भागीदारी करते हैं। कर्नाटक के बीआरटी टाइगर रिजर्व में बाघों की आबादी में लगातार वृद्धि हुई है। इसका बहुत श्रेय सोलिगा जनजाति को जाता है, जो बाघ की पूजा करते हैं। इनके कारण इस क्षेत्र में मानवजीव संघर्ष ना के बराबर होता है। गुजरात में भी लोगों ने गिर में एशियाटिक लायन की सुरक्षा और संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने दुनिया को दिखा दिया है कि प्रकृति के साथ सामंजस्य आखिर क्या होता है।भारत का हर हिस्सा ना केवल प्रकृति के लिए संवेदनशील है बल्कि वन्य जीव संरक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अगले महीने की शुरुआत में हम वन्य जीव संरक्षण दिवस मनाएंगे। मेरा आग्रह है कि आप वन्य जीव संरक्षण से जुड़े लोगों का हौसला जरूर बढ़ाएं। यह मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि इस क्षेत्र में अब कई स्टार्ट अप भी उभरकर सामने आए हैं।

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