सिवनी, राष्ट्रबाण। इन दिनों जिला मुख्यालय के विकासखंड केवलारी से दिन प्रतिदिन भाजपाइयों की दादागिरी सरेआम नजर आ रही है। चाहे वह नगर परिषद केवलारी अध्यक्ष पति देवी सिंह बघेल हो या फिर जनपद सदस्य पति श्रीराम ठाकुर जैसे नेताओं की मनमानी से विकास के कार्यों में बाधा हो रही है. जिससे ठेकेदारों को कार्यों में लीपापोती करना पड़ता है। यदि इनको वक्त में कमीशन दे दिया जाए तो बिना किसी परेशानी के काम करने देंगे नहीं तो शिकायतों का अंबार लगा जाँच के नाम पर काम रोकने का दंभ भरते है।
हाल ही में एक चर्चित विवाद सामने आया है जिसमें भाजपा नेता श्रीराम ठाकुर पर ठेकेदार राहुल राय कमीशन मांगने का आरोप लगाया है। ठेकेदार का आरोप है की कमीशन न देने पर नवनिर्मित कामों में गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए जा रहे है। यह आरोप ठेकेदार राहुल राय ने लगाया है। यही नहीं ठेकेदार द्वारा आवेदन देकर श्रीराम ठाकुर के खिलाफ शिकायत की गई है। ठेकेदार राहुल राय द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार, श्रीराम ठाकुर ने केवलारी में पीडब्ल्यूडी द्वारा स्वीकृत निर्माण कार्य को करने के लिए उनसे 10% कमीशन की मांग की थी। जब राहुल राय ने राशि देने से इनकार किया, तो श्रीराम ठाकुर ने कथित तौर पर उनके कामों पर सवाल खड़े किए, मीडिया में खबरें छपवाईं और यहां तक कि कोतवाली थाने में शिकायत भी दर्ज कराई।
वीडियो वायरल: पीडब्ल्यूडी दफ्तर में हंगामे का दृश्य
वायरल वीडियो और सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाएं इस मामले को और भी गरमा रही है। जबकि श्रीराम ठाकुर स्वयं केवलारी क्षेत्र में ठेकेदारी कर रहे है। इसके कार्य जो चल रहे है उसमें एक करोड़ से ऊपर का लगत के कार्य चल रहे है जिसकी गुणवत्ता हीनता जगजाहिर है। घटिया काम की जांच की मांग की जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कथित रूप से श्रीराम ठाकुर पीडब्ल्यूडी अधिकारी हनुमंते के चेंबर में हंगामा करते दिख रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, यह हंगामा तब हुआ जब उन्हें “अपना हिस्सा” नहीं मिला। हालांकि जनचर्चा है कि श्रीराम ठाकुर अब मौका परस्त नेता हो चुके है जो इन दिनों केवल अपनी राजनीतिक रसूक और पत्नी के पद का दुरुपयोग के साथ दादागिरी करते हुए जिले में कही भी नजर आयेगे।
पत्नी के पद पर राजनीति चमका रहे नेता, मांग रहे कमीशन!
कहते है हर कामयाब पुरुष के पीछे एक महिला का हाथ होता है। यह कहावत अध्यक्ष पति देवी सिंह और जनपद सदस्य पति श्रीराम ठाकुर दोनों पर सटीक बैठती है। नगर परिषद अध्यक्ष देवी सिंह ठाकुर और जनपद सदस्य पति श्रीराम ठाकुर पर अपने रुतबे का लाभ उठाकर केवलारी क्षेत्र के विकास कार्यों में हस्तक्षेप करने का आरोप लग रहे है। सूत्रों की मानें तो नगर परिषद अध्यक्ष पति देवी सिंह ठाकुर और जनपद सदस्य पति श्रीराम ठाकुर के द्वारा क्षेत्र में जो भी विकास कार्य कराए जा रहे हैं, जिनकी गुणवत्ता और भ्रष्टाचार के साथ कमीशन लेने के सवाल उठ रहे हैं। केवलारी में यह कोई पहला मामला नहीं है। श्रीराम ठाकुर और नगर परिषद अध्यक्ष पति देवी सिंह बघेल पर पहले भी विकास कार्यों में हस्तक्षेप, फर्जी शिकायतें दर्ज कराने और ठेकेदारों से दबाव बनाकर कमीशन वसूलने के आरोप लगते रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, श्रीराम ठाकुर स्वयं भी ठेकेदारी में सक्रिय हैं और उनके एक करोड़ से अधिक लागत के कार्य क्षेत्र में जारी हैं। जनता और कई ठेकेदारों का कहना है कि इन कार्यों की गुणवत्ता भी संदिग्ध है।
राजनीतिक विरोध और महत्वाकांक्षा की चर्चा तेज
विधानसभा चुनाव में श्रीराम ठाकुर द्वारा भाजपा प्रत्याशी राकेश पाल के खिलाफ कार्य करने और आगामी चुनाव में टिकट मांगने की अटकलों ने इस पूरे मामले को और भी राजनीतिक रंग दे दिया है। सूत्र बताते है कि यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि अपने आपको भाजपा का वरिष्ठ नेता साबित करने के लिए श्रीराम ठाकुर ने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के विधायक प्रत्याशी राकेश पाल के खिलाफ जमकर विरोध में काम किया था। और आगामी समय में उन्हें विधानसभा की टिकट के लिए हाथ-पैर भी मारते हुए पुनः देखा जा सकता है, जिससे उनकी यह हरकतें राजनीतिक गलियारों में और भी अधिक चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
यह विडंबना ही है कि श्रीराम ठाकुर अपने क्षेत्र में राहुल राय के द्वारा कराये जा रहे कामों की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं। जबकि उन्हीं क्षेत्रों में श्रीराम ठाकुर के द्वारा स्वयं भी एक करोड़ से ऊपर के काम कराये जा रहे हैं और वह भी गुणवत्ताहीन बताये जा रहे है। तो उन कामों की जांच के लिए क्या श्रीराम ठाकुर तैयार हैं? क्योंकि आरोप है कि उनके द्वारा कराए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता भी संदिग्ध है। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों को इन सभी कार्यों की गुणवत्ता की गहनता से जांच करनी चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि असल में सरकार को चुना लगाने वाला व्यक्ति कौन है? और कौन सिर्फ अपनी राजनीति की रोटियां सेंक रहा है? यह मामला केवलारी में राजनीतिक हलचल और भ्रष्ट आचरण पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है, जिसकी निष्पक्ष जांच और उचित कार्यवाही होनी चाहिए।
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