केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड और दो अन्य राज्यों में 730 करोड़ रुपये के फर्जी GST घोटाले के खिलाफ गुरुवार को तगड़ा एक्शन लिया। ED की टीमें रांची, जमशेदपुर, और कोलकाता में कुल आठ ठिकानों पर तलाशी अभियान चला रही हैं। यह कार्रवाई फर्जी इनवॉयस और बोगस कंपनियों के जरिए की गई भारी कर चोरी की जांच से जुड़ी है। जांच में पता चला कि इस घोटाले का नेटवर्क झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, और तमिलनाडु तक फैला हुआ है।
मुख्य आरोपियों का सिंडिकेट
ED की जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी शिव कुमार देवड़ा, उनके सहयोगी मोहित देवड़ा, अमित गुप्ता, और अमित अग्रवाल ने मिलकर 135 फर्जी कंपनियों का नेटवर्क बनाया। ये कंपनियां सिर्फ कागजों पर थीं और इनके जरिए 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जी इनवॉयस जारी किए गए। इन फर्जीवाड़ों से बिना किसी वास्तविक सामान या सेवा की आपूर्ति के टैक्स क्रेडिट का दावा किया गया, जिससे सरकार को 730 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
पहले हो चुकी है गिरफ्तारी
इस मामले में मुख्य आरोपियों को इस साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था। ED ने अब तक 5.29 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की है, 8.98 करोड़ रुपये नकद और 62.90 लाख रुपये के बैंक खाते फ्रीज किए हैं। गुरुवार की छापेमारी में ED ने मोबाइल, डिजिटल साक्ष्य, और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत की जा रही है, जिसका मकसद घोटाले की जड़ तक पहुंचना है।
सरकार को भारी नुकसान
ED के अनुसार, इस घोटाले में फर्जी कंपनियों ने नकली बिक्री रिकॉर्ड बनाकर टैक्स लाभ का गलत दावा किया। जांच से पता चला कि ये कंपनियां कमीशन के बदले फर्जी टैक्स क्रेडिट बेचती थीं, जिसे अन्य फर्मों ने GST देनदारी कम करने के लिए इस्तेमाल किया। यह मामला GST सिस्टम में खामियों को उजागर करता है और ED अब इस नेटवर्क के सभी सदस्यों की तलाश में है।
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