वोटर लिस्ट पर CEC ज्ञानेश कुमार के बयान से सियासत गरमाई, कांग्रेस का पलटवार

Rahul Maurya

नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: कांग्रेस और विपक्षी दलों ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के एक बयान पर तीखा हमला बोला, जिसमें उन्होंने कहा था कि एक व्यक्ति का नाम कई वोटर लिस्ट में होने से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि वोट एक ही बार डाला जाता है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा, राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस बयान को लेकर चुनाव आयोग की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाए। विपक्ष ने आयोग से डिजिटल वोटर लिस्ट और बूथ-स्तरीय डेटा साझा करने की माँग की है।

‘चोरी बंद करो, हम चोर कहना बंद करेंगे’

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “CEC कहते हैं कि चोरी करना पाप नहीं, लेकिन चोर कहना पाप है? अगर आयोग वोट चोरी बंद कर दे, तो हम चोर कहना भी बंद कर देंगे।” खेड़ा ने सवाल उठाया कि कर्नाटक के महादेवपुरा में 1 लाख से ज्यादा फर्जी वोटों का हिसाब क्यों नहीं दिया गया? उन्होंने BJP सांसद अनुराग ठाकुर पर भी निशाना साधा, जो छह विधानसभा क्षेत्रों की डिजिटल वोटर लिस्ट लेकर घूम रहे हैं। खेड़ा ने पूछा, “यह लिस्ट उन्हें कहाँ से मिली? क्या यह वोटरों की निजता का उल्लंघन नहीं? फिर भी आयोग ने उन्हें नोटिस क्यों नहीं दिया?”

SIR प्रक्रिया पर सवाल

राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने बिहार में चल रही विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया को ‘वोट डकैती’ का हथियार बताया। उन्होंने कहा कि जिंदा लोगों को मृत दिखाकर उनके नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं। यादव ने माँग की कि ऐसे लोगों को अदालत में पेश किया जाए और बूथ-स्तरीय मतदाता डेटा सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग की साख गिर चुकी है। आयोग अब तक विपक्ष के सवालों से क्यों बच रहा था?”

‘सॉफ्ट कॉपी दी जाए’

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग को विपक्ष के सवालों का जवाब देना चाहिए। उन्होंने माँग की, “हमें देश की मतदाता सूची की डिजिटल सॉफ्ट कॉपी दी जाए ताकि हम जाँच सकें कि कोई नाम कई बार या अलग-अलग पहचान के साथ तो नहीं दर्ज है।” सिंह ने आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस को दिखावा करार दिया और कहा कि यह संदेह को और गहरा रहा है।

पूर्णिया सांसद का तंज

पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आयोग पर तंज कसते हुए कहा, “चुनाव आयोग को संविधान या बाबा साहेब के विचारों की कोई समझ नहीं। चोरी-डकैती के बाद अब वे संविधान की बात करेंगे? देश संविधान से चलेगा या BJP-RSS के इशारों पर?” उन्होंने दावा किया कि आयोग BJP के इशारे पर काम कर रहा है।

CEC का जवाब

CEC ज्ञानेश कुमार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ‘वोट चोरी’ जैसे शब्द संविधान का अपमान हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार में SIR प्रक्रिया पारदर्शी रही और 1.6 लाख बूथ-स्तरीय एजेंटों ने ड्राफ्ट लिस्ट को सत्यापित किया। कुमार ने डिजिटल वोटर लिस्ट देने से इनकार करते हुए कहा कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे वोटर निजता का उल्लंघन माना था। उन्होंने यह भी कहा कि बिना शपथ पत्र के ऐसे गंभीर आरोपों की जाँच नहीं हो सकती।

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