राहुल गांधी का बिहार से ऐलान 50% आरक्षण सीमा हटाएँगे, सच्ची जाति जनगणना कराएँगे’

Rahul Maurya
Photo: X Congress

बिहार, राष्ट्रबाण: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने दबाव में आकर जाति जनगणना की घोषणा तो की, लेकिन न तो यह ‘सच्ची’ जनगणना कराएगी और न ही आरक्षण की 50% सीमा को हटाएगी। बिहार के सासाराम से ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू करते हुए राहुल ने यह दावा किया। इस यात्रा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, और विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश साहनी शामिल हुए।

‘मोदी सरकार की मंशा पर सवाल’

राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा, “हमने संसद में साफ कहा था कि देश को जाति जनगणना चाहिए और आरक्षण की 50% सीमा को तोड़ना होगा। मैंने यह बात PM मोदी के सामने रखी थी।” उन्होंने आरोप लगाया कि BJP और मोदी सरकार ने विपक्ष के दबाव में जाति जनगणना की घोषणा तो कर दी, लेकिन उनकी मंशा ‘सच्ची’ जनगणना कराने की नहीं है। राहुल ने दोहराया कि कांग्रेस और INDIA गठबंधन पूरे देश में व्यापक जाति जनगणना कराएगा और आरक्षण की 50% सीमा को हटाकर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेगा।

वोटर अधिकार यात्रा का मकसद

‘वोटर अधिकार यात्रा’ 17 अगस्त से शुरू होकर 1 सितंबर तक बिहार के 20 से अधिक जिलों से गुजरेगी, जिसमें औरंगाबाद, गया, नवादा, नालंदा, पूर्णिया, सुपौल, दरभंगा, और सिवान जैसे जिले शामिल हैं। 1,300 किलोमीटर लंबी इस यात्रा का समापन पटना में एक विशाल रैली के साथ होगा। इसका उद्देश्य कथित ‘वोट चोरी’ और मतदाता सूची में अनियमितताओं के खिलाफ जागरूकता फैलाना है। राहुल ने कहा, “यह यात्रा ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत और संविधान की रक्षा के लिए है।”

केंद्र की घोषणा पर संदेह

केंद्र सरकार ने अप्रैल 2025 में घोषणा की थी कि अगली जनगणना में जातिगत आँकड़े शामिल किए जाएँगे, जो आजादी के बाद पहली बार होगा। लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार की मंशा और समय-सीमा पर सवाल उठाए हैं। राहुल ने कहा कि BJP न तो पारदर्शी जनगणना कराएगी और न ही सामाजिक रूप से वंचित समुदायों को उनका हक देगी। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी और INDIA गठबंधन इस मुद्दे को जन-जन तक ले जाएगा।

बिहार में बढ़ता सियासी तापमान

यह यात्रा बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई है, जो इस साल के अंत में होने वाले हैं। विपक्ष ने विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया के तहत 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने को ‘वोट चोरी’ करार दिया है। कांग्रेस का कहना है कि यह अभियान न केवल मतदाता अधिकारों की रक्षा करेगा, बल्कि सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों को भी मजबूत करेगा।

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