नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा। एक टीवी साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा जरूरतें और आर्थिक हित सर्वोपरि हैं। यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने भारत के रूस से तेल आयात पर नाराजगी जताई थी। सीतारमण ने जोर देकर कहा कि भारत अपनी नीतियों में स्वतंत्र है और तेल खरीद का फैसला राष्ट्रीय हितों के आधार पर होगा।
रूस से तेल खरीद का मसला
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोप ने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए, जिसके बाद भारत और चीन ने सस्ते दामों पर रूसी तेल खरीदना शुरू किया। भारत, जो अपनी 88% तेल जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है, ने रूसी तेल से पिछले तीन सालों में अरबों डॉलर की विदेशी मुद्रा बचाई है। सीतारमण ने कहा, “हमें यह तय करना है कि हमारी जरूरतों के लिए सबसे किफायती और उपयुक्त स्रोत कौन सा है। विदेशी मुद्रा का बड़ा खर्च होने के कारण हम सस्ता और विश्वसनीय विकल्प चुन रहे हैं।”
ट्रंप का टैरिफ और तनाव
अमेरिका ने भारत के रूस से तेल आयात को लेकर पहले 25% और अब कुल 50% टैरिफ लगा दिया है। ट्रंप ने कहा था कि भारत और रूस चीन के करीब जा रहे हैं, जिससे वह निराश हैं। उनके सलाहकार पीटर नैवारो ने भारत पर रूस को यूक्रेन युद्ध में अप्रत्यक्ष रूप से फंडिंग करने का आरोप लगाया था। जवाब में सीतारमण ने कहा कि भारत जीएसटी सुधारों के जरिए टैरिफ के असर को कम करेगा। “हमने कई वस्तुओं पर अप्रत्यक्ष कर की दरें घटाई हैं, और प्रभावित व्यवसायों की मदद के लिए कदम उठा रहे हैं,” उन्होंने जोड़ा।
भारत की स्वतंत्र नीति
सीतारमण ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को रेखांकित करते हुए कहा, “हमारा तेल खरीद का फैसला हमारी जरूरतों और आर्थिक रणनीति पर आधारित है। यह हमारा अधिकार है कि हम कहाँ से और किस दर पर तेल खरीदें।” भारत ने रूस के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को मजबूत किया है, खासकर तब, जब वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें अस्थिर थीं। विदेश नीति विशेषज्ञ प्रो. रमेश ठाकुर ने कहा, “भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को प्राथमिकता दे रहा है। यह रणनीति वैश्विक दबावों के बावजूद संतुलित है।”
BRICS की भूमिका
सीतारमण का यह बयान ऐसे समय आया है, जब ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने 8 सितंबर को BRICS नेताओं की वर्चुअल बैठक बुलाई है। इस बैठक में ट्रंप प्रशासन के टैरिफ का जवाब तलाशा जाएगा। भारत और ब्राजील, दोनों ही 50% टैरिफ सूची में शीर्ष पर हैं। BRICS देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) इस मुद्दे पर एकजुट रणनीति बना सकते हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि भारत वैश्विक मंचों पर अपने हितों की रक्षा के लिए तैयार है।
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