शिक्षक दिवस पर शर्मसार हुई शिक्षा व्यवस्था: रंगीन मिजाज शिक्षक ने की छेड़छाड़, ग्रामीणों ने की पिटाई, मामला दर्ज

बालाघाट जिले के परसवाड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम चंदना के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक दिवस का कार्यक्रम उस समय विवादों में बदल गया जब शिक्षक पर छात्रा से छेड़छाड़ और शराब पीकर आने का आरोप लगा। नाराज़ ग्रामीणों ने मौके पर ही शिक्षक की पिटाई कर दी। पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

Rashtrabaan

बालाघाट, राष्ट्रबाण। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) की जयंती पर हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) मनाया जाता है। यह दिन गुरुजनों के सम्मान और शिक्षा के महत्व को रेखांकित करने के लिए समर्पित है। लेकिन इस बार बालाघाट जिले में शिक्षक दिवस का आयोजन विवाद और शर्मिंदगी का कारण बन गया। मामला परसवाड़ा थाना अंतर्गत ग्राम चंदना के सरकारी स्कूल का है। यहां शिक्षक दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में पहुंचे प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षक सुरेंद्र पटले पर गंभीर आरोप लगे कि वह शराब के नशे में स्कूल पहुँचे और एक 12 वीं कक्षा की छात्रा से अश्लील हरकत और छेड़छाड़ की। इस घटना से कार्यक्रम का माहौल बिगड़ गया और नाराज़ ग्रामीणों ने मौके पर ही शिक्षक की जमकर पिटाई कर दी।

ग्रामीणों का गुस्सा और हंगामा

छात्रा और उसके परिजनों द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। लोग चाहते थे कि आरोपी शिक्षक का जुलूस निकालकर उसे थाने तक ले जाया जाए ताकि पूरे क्षेत्र को सबक मिले। भीड़ के बढ़ते दबाव और माहौल के बिगड़ने पर शिक्षक सुरेंद्र पटले ने खुद को बचाने के लिए 112 डायल कर पुलिस की मदद बुलाई।

पुलिस और ग्रामीणों के बीच तनातनी

मौके पर पहुँची पुलिस ने आरोपी शिक्षक को अपनी गाड़ी में बैठाकर थाने ले जाने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीण इस पर अड़े थे कि आरोपी को जुलूस के रूप में पूरे गाँव से होकर थाने तक ले जाया जाए। इसी बात को लेकर पुलिस और ग्रामीणों के बीच तीखी नोकझोंक हुई और शाम तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा। अंततः एसडीएम मौके पर पहुँचे और समझाइश देकर स्थिति को शांत कराया। इसके बाद आरोपी शिक्षक को सुरक्षित थाने ले जाया गया।

आरोपों पर कार्रवाई

छात्रा और परिजनों के बयान के आधार पर पुलिस ने शिक्षक सुरेंद्र पटले के खिलाफ छेड़छाड़ और शराब पीकर विद्यालय में प्रवेश करने के आरोप में प्रकरण दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और यदि आरोप साबित होते हैं तो आरोपी शिक्षक पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था की साख पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। शिक्षक बच्चों के भविष्य निर्माणकर्ता माने जाते हैं। समाज उन्हें गुरु का दर्जा देता है। लेकिन यदि यही शिक्षक कुकृत्य और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार करेंगे तो बच्चों के संस्कार और शिक्षा व्यवस्था दोनों खतरे में पड़ेंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे शिक्षकों की वजह से पूरे शिक्षक समुदाय की छवि धूमिल होती है। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि शिक्षा विभाग को इस मामले में कठोर कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में कोई शिक्षक इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न कर सके।

शिक्षा विभाग करेगा कार्रवाई?

फिलहाल पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसे थाने ले जाया गया है। लेकिन अब सबकी निगाहें शिक्षा विभाग पर टिकी हैं कि वह इस मामले में क्या कदम उठाता है। विभागीय स्तर पर यदि कड़ी कार्रवाई नहीं होती है तो ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति की आशंका बनी रहेगी। शिक्षक दिवस जैसे पावन अवसर पर घटित इस घटना ने न केवल पूरे क्षेत्र को शर्मसार किया है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर ऐसी प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।

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