तेलंगाना, राष्ट्रबाण: अमेरिका के कैलिफोर्निया में भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहम्मद निजामुद्दीन की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई। तेलंगाना के महबूबनगर के रहने वाले निजामुद्दीन का रूममेट से झगड़ा हुआ था, जिसके बाद सांता क्लारा पुलिस ने पहुंचकर 4 गोलियां चला दीं। मौत की खबर से परिवार सदमे में है। पिता हसनुद्दीन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से अपील की है कि शव को भारत लाने में मदद करें। पुलिस का कहना है कि जांच चल रही है।
रूममेट से झगड़े की शुरुआत
पुलिस के मुताबिक, 3 सितंबर की रात निजामुद्दीन और उनके रूममेट के बीच तीखी बहस हुई, जो हाथापाई में बदल गई। रूममेट ने चाकू निकाला, जिसके बाद पड़ोसी ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची सांता क्लारा पुलिस ने निजामुद्दीन को रोकने की कोशिश की, लेकिन हालात बिगड़ गए। पुलिस ने दावा किया कि निजामुद्दीन ने चाकू से हमला किया, जिसके जवाब में 4 गोलियां चलाईं। निजामुद्दीन की मौके पर ही मौत हो गई। परिवार का कहना है कि पुलिस ने बिना जांच के फायरिंग की।
पिता की भावुक अपील
निजामुद्दीन के पिता हसनुद्दीन ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि बेटा सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और अमेरिका में अच्छी नौकरी कर रहा था। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से अपील की कि शव को महबूबनगर लाने में मदद करें। पिता ने कहा, “यह घटना बेहद दुखद है। अमेरिकी पुलिस ने बिना सोचे-समझे गोलियां चला दीं।” परिवार तेलंगाना सरकार से भी सहायता मांग रहा है। शव अभी कैलिफोर्निया के अस्पताल में है।
जांच और विवाद
सांता क्लारा पुलिस ने कहा कि घटना की जांच चल रही है। बॉडी कैमरा फुटेज की जांच की जा रही है। लेकिन परिवार का आरोप है कि पुलिस ने जरूरत से ज्यादा बल प्रयोग किया। भारतीय दूतावास ने मामले की जानकारी ली है और परिवार को सहायता का भरोसा दिया है। तेलंगाना सरकार ने भी केंद्र से बात की है। अमेरिका में भारतीयों पर पुलिस फायरिंग के मामले बढ़ रहे हैं, जो चिंता का विषय है।
निजामुद्दीन का परिवार सदमे में है। वे कहते हैं कि बेटा मेहनती था और परिवार का सहारा था। सोशल मीडिया पर घटना की निंदा हो रही है। कई संगठनों ने जांच की मांग की है। जयशंकर ने परिवार से संपर्क किया है और मदद का आश्वासन दिया है।