लालबर्रा में किसानों का महाप्रदर्शन: सैकड़ों ट्रैक्टरों की रैली के साथ सरकार के खिलाफ गरजा किसान संघ, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

लालबर्रा में किसानों की आवाज़ बुधवार को उस समय गूंज उठी, जब सैकड़ों ट्रैक्टरों की रैली और हजारों किसानों की उपस्थिति के साथ क्षेत्र ने एक अभूतपूर्व किसान आंदोलन देखा। सरकार द्वारा चुनाव पूर्व किए गए वादों के पूरे न होने से नाराज़ किसानों ने थाने के सामने धरना देकर अपना आक्रोश जताया और बस स्टैंड में आयोजित विशाल सभा के माध्यम से समर्थन मूल्य बढ़ाने तथा बिजली, खाद और तौल व्यवस्था जैसी प्रमुख समस्याओं के समाधान की जोरदार मांग उठाई।

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    बालाघाट, राष्ट्रबाण। बालाघाट जिले के लालबर्रा तहसील क्षेत्र में बुधवार, 3 दिसंबर को किसानों ने अपनी विभिन्न समस्याओं और लंबित मांगों को लेकर एक विशाल आंदोलन किया। क्षेत्र के किसान संघ, विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े जनप्रतिनिधि और स्थानीय कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में यह रैली बैल बाजार से प्रारंभ होकर थाने के सामने तक पहुंची, जहां किसानों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

    दोपहर के समय निकाली गई इस ट्रैक्टर रैली में सैकड़ों किसान शामिल हुए, जबकि हजारों की संख्या में लोग प्रदर्शन स्थल पर मौजूद रहे। आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने चुनाव के पूर्व किए गए वादों को पूरा नहीं किया है। किसानों का कहना था कि सरकार ने घोषणा पत्र में धान का 3100 रुपये प्रति क्विंटल और गेहूं का 2700 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य देने का वादा किया था, साथ ही किसानों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की बात कही गई थी। किंतु आज तक न तो समर्थन मूल्य बढ़ाया गया और न ही बिजली की समस्या का समाधान किया गया।

    सभा में बड़ी संख्या में पहुंचे किसान।

    रैली के थाने के सामने पहुंचने पर किसानों ने धरना देकर अपनी समस्याओं को प्रशासन के समक्ष रखा। नेताओं ने कहा कि महंगाई के इस दौर में किसानों की आय बढ़ाने के लिए जरूरी है कि फसलों का मूल्य बढ़ाया जाए तथा कृषि कार्य के समय खाद और अन्य संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

    किसानों ने खरीदी केंद्रों पर हो रहे अनियमित तौल को भी प्रमुख मुद्दा बताया। उन्होंने मांग रखी कि खरीदी केंद्रों पर 40 किलो 600 ग्राम का तौल ही अनिवार्य किया जाए ताकि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। इसके अलावा भंडारण केंद्रों पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी मांग की गई।

    बस स्टैंड पर आयोजित सभा में किसान नेताओं और विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने एकजुट होकर सरकार की वादा-खिलाफी पर कड़ा आक्रोश जताया। मंच से वक्ताओं ने किसानों की परेशानियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार किसान की आय दोगुनी करने की बात तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थितियां बिल्कुल विपरीत हैं। किसान बढ़ती लागत, महंगाई और समस्याओं से परेशान हैं और उन्हें उनकी फ़सल का उचित मूल्य भी नहीं मिल रहा है।

    किसान आंदोलन में यातायात हुआ प्रभावित।

    सभा के दौरान कई किसान पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने बारी-बारी से मंच से अपनी बात रखी और किसानों की पीड़ा को जोरदार तरीके से सामने रखा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार किसानों की समस्याओं पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं करती, तब तक ऐसे आंदोलन जारी रहेंगे।

    इस रैली और प्रदर्शन के कारण लालबर्रा में सिवनी और बालाघाट मार्ग पर लगभग दो घंटे तक बड़े वाहनों का यातायात प्रभावित रहा। इससे गुजरने वाले यात्रियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हालांकि पुलिस प्रशासन ने व्यवस्था संभालने की पूरी कोशिश की और भीड़ को नियंत्रित किया।

    इस पूरे आंदोलन के दौरान वारासिवनी एसडीएम कार्तिकेय जायसवाल, एसडीओपी अभिषेक चौधरी, तहसीलदार भूपेंद्र अहिरवार, नायब तहसीलदार मयंक मिश्रा, थाना प्रभारी उपनिरीक्षक सुनील चतुर्वेदी समेत वारासिवनी अनुभाग के खैरलांजी, वारासिवनी, लालबर्रा, कटंगी और तिरोड़ी थानों का पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। प्रशासन ने आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    सभा के अंत में किसान संघ लालबर्रा द्वारा मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन प्रशासन को सौंपा गया। इस ज्ञापन में धान और गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाने, 24 घंटे बिजली देने, खरीदी केंद्रों पर निर्धारित तौल लागू करने, भंडारण केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने और अन्य समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांगें शामिल थीं।

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