बालाघाट (राष्ट्रबाण)। चुनाव के लगभग छः माह हैं की नेताओं ने अपनी विरोधी पार्टियों पर हमला तेज कर दिया हैं। सभी नेता अपनी गोटी फिट करने के लिए किसी को अपना राजनैतिक आदर्श बता रहा हैं तो कोई अपने आपको विरोधी का धुर विरोधी। लेकिन बालाघाट जिले में राजनीती का एक अलग ही चेहरा देखने को मिल रहा हैं।
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बालाघाट की राजनीति में कंकर मुंजारे का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। यह बालाघाट जिले में पूर्व में सांसद और विधायक रह चुके हैं। इनके मार्ग दर्शन में श्री मुंजारे की धर्मपत्नी अनुभा मुंजारे (Anubha Munjare) नगर पालिका में अध्यक्ष रह चुकी हैं। कंकर मुंजारे (Ex MP Kankar Munjare) की छवि बालाघाट की राजनीती में एक क्रांतिकारी नेता की हैं और उनके नाम के साथ उनकी पत्नी की पहचान होती हैं। लेकिन अब मुंजारे परिवार भी दो धड़ो में बट चूका हैं।
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बता दें कि विगत दिनों कांग्रेस बड़े नेता का बालाघाट आगमन हुआ जहां कांग्रेस में ताजी-ताजी शामिल हुई अनुभा मुंजारे ने अपना परिचय पूर्व सांसद कंकर मुंजारे के नाम का उपयोग करते हुए दिया और बताया की मेरे पति पूर्व में सांसद और विधायक रह चुके हैं, मैं उनके ही अनुशरण में राजनीती करती हूं मई भी एक बार नगर पालिका अध्यक्ष रह चुकी हूं।
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पूर्व नपा अध्यक्ष और कांग्रेस नेत्री की इन बातों पर कंकर मुंजारे की प्रेस कांफ्रेंस पर पत्रकार द्वारा सवाल किया गया तो श्री मुंजारे ने स्पष्ट जवाब देते हुए कहा कि अनुभा को मैंने इन सब के लिए मना किया हैं वह मेरे नाम का उपयोग न करें अब मैं उनका नेता नहीं हूं। वह अपने नेताओं की बात करें उनके विषय पर बात करें। कंकर के शब्दों से स्पष्ट होता हैं की दोनों के बीच राजनैतिक तलवार खिंच चुकी हैं और कंकर कांग्रेस को घेरने में कोई परहेज नहीं कर रहे हैं।
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कंकर ने प्रेस कांफ्रेंस में कमलनाथ की नारी सम्मान योजना को जुमला बताया। उन्होंने कहा की शिवराज की तरह कमलनाथ भी सिर्फ घोषणा कर रहे हैं। जिस तरह शिवराज बड़ी बड़ी घोषणा करते हैं वैसे ही कमलनाथ भी सिर्फ घोषणा से प्रदेश की जनता को गुमराह करते है। सरकार आते ही वह भी भाजपा की तरह सब भूल जाते हैं। मंदसौर में किसानो की हत्या को लेकर कमलनाथ को आड़े हाथ लेते हुए कंकर बोले शिव सरकार ने मंदसौर में किसानों पर बर्बरता पूर्ण गोली चला कर उनकी हत्या की उसकी जांच कमलनाथ सरकार ने क्यों नहीं कराई? पंद्रह महीने की सरकार में वह मंदसौर के किसानों का बलिदान भूल गए अब बरसी माना कर नौटंकी कर रहे हैं। दोनों ही पार्टियों के नेता एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं।
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कंकर के तेवर से स्पष्ट हो रहा हैं की वह आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के खिलाफ और भी सख्त तेवर में नजर आएंगे लेकिन उनके इस तेवर का नुकसान कांग्रेस को झेलना पड़ेगा। चुकी आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लांजी विधायक हिना कावरे (Lanji MLA Hina Kavre) ने जिस उम्मीद से अनुभा मुंजारे को कांग्रेस में लेकर कंकर के विरोध को ख़त्म करना चाहा था उनका वह उद्देश्य पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा हैं। तो दूसरी तरफ सवाल कंकर मुंजारे की कार्यप्रणाली पर भी उठ रहा हैं कि अगर कांग्रेस अनुभा मुंजारे को अपना प्रत्याशी बनाती हैं तो क्या वह अपना हट छोड़ देंगे ? क्यूंकि कंकर अब तक अपने आपको जनता सेवक बताते हुए दोनों पार्टियों के नेताओं को जिले के विनाश का जिम्मेदार बताते आये हैं। ऐसे में अगर कंकर पत्नी अनुभा के कारण कांग्रेस का समर्थन करते हैं तो वह भी जनता से गद्दारी होगी!