सरकार के प्रति किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा हैं। अब सरकार में बैठे मंत्रियों को स्थानीय स्तर पर विरोध का सामना करना पड़ रहा हैं। बालाघाट जिले में पूर्व सांसद ने किसान रैली निकाली जिसमे जन आक्रोश देखने को मिला। लोग खुलेआम आयुष एवं जल संसाधन मंत्री रामकिशोर उर्फ नानो कावरे के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए नजर आए। जनता का यह आक्रोश संकेत हैं कि जनता के दिल मे सत्ता के प्रति कितना गुस्सा हैं और मंत्री नानो कावरे ने किस तरह दो नंबरी लोगो को संरक्षण दिया हुआ हैं।
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बालाघाट/राष्ट्रबाण । बिते मार्च महिने में जिले के चांगोटोला क्षेत्र में हुई बेमौसम बारिश और भारी ओलावृष्टि से क्षेत्रीय किसानो की फसलो को भारी क्षति पहुंची थी और किसानो को बेहताशा आर्थिक नुकसान झेलना पडा था। हालांकि भारी बारिश और आलोवृष्टि होने की सुचना मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने क्षेत्र का अधिकारियों को निरिक्षण कर मुआवजा प्रकरण बनाने के निर्देश दिये है। जिसके परिपालन में राजस्व अमले ने किसानो की फसलो का अचौक निरिक्षण कर मुआवजा प्रकरण तैयार किया था और उसके बाद किसानो को मुआवजा राशि भी हस्ततांरित की गई थी। लेकिन फसल नुकसानी पर मिले मुआवजा राशि के क्षेत्र के किसान संतुष्ठ नही थे और उन्होने सरकार से उचित मुआवजा देने की मांग की थी।
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आपको बतो दे लामता चांगोटोला क्षेत्र के ग्राम चन्नेवाड़ा, खैरगांव, पचपेड़ी, कुमझर, ईमलीटोला, बटुवा, बसेगांव, बरखेड़ा, तुरगाटोला, धंघरिया, ठाकुर टोला, हिरमन टोला, कुकड़ा, ठेमा, गुरु, गुड़रु टोला, तीन गडी, नगरवाड़ा में भंयकर ओलावृष्टि होने से किसानों की गेहूं, चना, अलसी, सरसो, धनियां, बटाना की फसल पुरी तरह से बर्बाद हो गई। किन्तु सरकार ने वादे स्वरूप किसानो का मुआवजा नही दिया, जिससे किसानो में आक्रोश व्याप्त है। इस मामले को पूर्व सांसद कंकर मुंजारे (Ex MP Kankar Munjare) ने संज्ञान में लिया और किसानो के हित में अपने विचार रखते हुए स्थानीय प्रशासन पर खूब आरोप लगायें। श्री मुंजारे का कहना है कि ओलावृष्टि के दौरान कलेक्टर, एस.डी.एम. तहसीलदार, पटवारी के द्वारा खेतो में जाकर मुआयना करना था, लेकिन उन्होने ऐसा नहीं किया? एक ही स्थान पर बैठकर मनमानी ढंग से सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली गई। जिसका नतिजा यह निकला कि आज सरकार ने भी किसानो को संतोषजनक मुआवजा नही दिया है।
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श्री मुंजारे ने बताया कि 4 अप्रैल 2023 को मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा मंत्रीमण्डल की बैठक में राशि 32 हजार रुपये प्रति हेक्टर अर्थात एक एकड़ जमीन पर लगभग 13 हजार रुपये ओलावृष्टि से क्षती हुई फसल का मुआवजा देने का निर्णय लिया गया और 50% प्रतिशत से अधिक क्षति का 100% प्रतिशत मानकर मुआवजा दिये जाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन मंत्रीमंडल के निर्णय एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की घोषणा के अनुसार मुआवाजा राशि नहीं दी गई। किसानो को मुआवजा दिये जाने के नाम पर कम राशि देकर सीधा शोषण किया गया है। मुआवजा राशि में अनियमिता एवं भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जायें एवं दोषी अधिकारी, कर्मचारी पर कड़ी कार्यवाही किया जायें।
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श्री मुंजारे ने कहा कि परसवाड़ा विधायक और प्रदेश के आयुषमंत्री रामकिशोर कावरे (Ayush Minister Ramkishor Kavre) के द्वारा भी ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि दिलाने के लिये कोई प्रयास नही किया गया। किसानो को फसल नुकसानी पर मिला मुआवजा अब राजनैतिक सियासत का मुद्दा बन चुका है और सरकार के विरोध में विपक्ष के नेता किसानो के समर्थन में सडक पर उतर आये है। जिसका एक नजारा 11 जून को जिले के चांगोटोला क्षेत्र में देखने को मिला। जहा पूर्व सांसद कंकर मुंजारे के नेतृत्व मे क्षेत्रीय किसानो ने सरकार के खिलाफ चांगोटोला से मउ बाजार तक आक्रोश रैली निकाली और सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की। इस दौरान मंत्री रामकिशोर मुर्दाबाद के नारे भी लगे।
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मंत्री की लोकप्रियता का गिर रहा ग्राफ
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बालाघाट जिले में यह चर्चा जोरों पर हैं कि जब से रामकिशोर उर्फ नानो कावरे मंत्री बने है दो नंबरी व्यापारियों के हौसले बुलंद हैं। उन्हें शासन प्रशासन का कोई ख़ौफ़ नहीं हैं। दिन दहाड़े माफिया अपने गलत काम को अंजाम दे रहे हैं। पूरे जिले में यह खबर तैर रही हैं कि मंत्री रामकिशोर और उनके भाई राजकुमार उर्फ कुमार कावरे का अधिकांश व्यापार में हिस्सेदारी हैं जिसके चलते प्रशासन भी इन दो नंबरी व्यापारियों पर कार्यवाही करने से डरता हैं। खबरों की माने तो दो नंबरी व्यापारियों के संरक्षक बने कावरे बंधुओं की कार्यप्रणाली से क्षेत्र में इनकी लोकप्रियता का ग्राफ गिरा हैं और लोगो मे इनके खिलाफ आक्रोश पनप रहा हैं। आखिर क्षेत्र में हो रहे दो नंबरी कारोबार के खिलाफ मंत्री रामकिशोर मौन क्यों हैं? यह सवाल का जवाब भी मंत्री रामकिशोर को ही देना होगा। फिलहाल मंत्री के मौन को संरक्षण माना जा रहा हैं।