Balaghat News: आलोक उठा रहे प्रशंसा का लुप्त, क्षेत्र से कांग्रेस विलुप्त!

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आलोक मिश्रा, चुनाव प्रभारी : सिर्फ गाल बजाने से स्थिति नहीं सुधरेगी।

बालाघाट, राष्ट्रबाण। आलोक मिश्रा जब से बालाघाट जिले के चुनाव प्रभारी बने हैं जिले की गुटबाजी में ईजाफा होने लगा है। जहां इनके प्रभारी बनने से स्थानीय कार्यकर्ताओं में गुटबाजी और ज्यादा बढ़ती नजर आ रही है तो वही दूसरी ओर जबलपुर यूनिवर्सिटी में बालाघाट के कांग्रेस के जो लोग इनके साथ में पढ़ा करते थे, आज वे लोग कांग्रेस की राजनीति से निष्क्रिय हो चुके है। इन्हे जिले के प्रभारी बने लगभग 6 माह हो गए, लेकिन जिला कांग्रेस के सभी कार्यकतार्ओं की उनके द्वारा अभी तक बैठक नही ली गई है, जो जिले में चर्चा का विषय है। जो लोग पूरे 4 साल घर में बैठे रहते हैं और चुनाव के 6 महीने पहले सक्रिय हो जाते है, ऐसे लोगों के साथ बैठकर आलोक मिश्रा के द्वारा राजनीति की रणनीति तैयार की जा रही है। इनके द्वारा सिर्फ कमलनाथ जी को दिखाने के लिए दौरा कार्यक्रम किया जा रहा है, जिससे जिले का कांग्रेस कार्यकर्ता इनसे नाराज है। जब भी कांग्रेस के कार्यकर्ता इनसे डोर-टू-डोर व आमने सामने चुनावी विषयो को लेकर बात करते है तो इनके द्वारा अपनी ही प्रशंसा  हांकने के अलावा दूसरा कोई कार्य नही करते। चुनाव प्रभारी अपने मुंह मिट्ठू मिया बन कर अपनी राजनीति तो चमका रहे है लेकिन कांग्रेस की दुर्दशा की स्थिति को ओर भी गर्त में ले जा रहे हैं।

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