लांजी विधायक हिना कावरे की विधानसभा से सटा क्षेत्र से कांग्रेस की हार ने कई सवाल खड़े कर दिए है। ये सवाल हिना के कांग्रेस विरोधी मंसूबो को उजागर कर रहे है। आरोप है की 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में इन क्षेत्रो में कांग्रेस के मंडलम अध्यक्ष हिना समर्थक थे जिन्होंने हिना की आज्ञा का पालन करते हुए मधु भगत के विरोध में काम किया और विरोधी पार्टी के प्रत्याशी रामकिशोर कावरे को लाभ पहुँचाया। परिणाम सबके सामने है की परसवाड़ा विधानसभा से मधु भगत हार गए तो रामकिशोर कावरे को जीत हासिल हुई।
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बालाघाट, राष्ट्रबाण। कहते राजनीति में अपनी वजनदारी का बुखार और कुर्सी का मोह किसी को नही छोडता। अपनी पैठ जमाने के लिये कुछ स्वार्थी नेता अपने ही संगठन के लोगो को शिख्सत देने में एडी चोटी का जोर लगा देते है। जहां उनकी भूमिका आस्तिन के किसी जहरीले सांप से कम नही होती ?
कुछ ऐसा ही हुआ परसवाडा विधानसभा के पूर्व विधायक मधु भगत के साथ, जिन्हे 2018 के विधानसभा चुनाव में हराने के लिये लांजी विधायक हीना कावरें ने पूरी ताकत झोंक दी है, ताकि मधु भगत गलती से भी ना जीत पायें और मंत्री का दर्जा कहीं उन्हे प्राप्त ना हो। जहां हीना की पार्टी विरोधी रणनीति सफल भी हुई और मधु भगत को हार का सामना भी करना पडा। मधु भगत, परसवाडा विधानसभा क्षेत्र के उन बूथ क्षेत्रो से हारे, जो कांग्रेस का गढ हुआ करते है और परसवाडा क्षेत्र का वह ईलाका लांजी विधानसभा क्षेत्र से बिल्कुर सटा हुआ है।
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सुत्रो की माने तो किरनापुर का रहने वाला युसूफ पटेल, जो कि किरनापुर का ब्लॉक अध्यक्ष है और हीना कावरें का खास सपोटर है, जिसकी लांजी और परसवाडा के सीमावर्ती ईलाको में राजनीति के क्षेत्र में लोगो के बीच अच्छी पकड है। जिसने वर्ष 2018 के चुनाव में हीना के ईशारो पर मधु भगत के खिलाफ परसवाडा क्षेत्र के उन बूथो को प्रभावित करने का काम किया था, जो लांजी विधानसभा क्षेत्र से लगे थे और जहां से मधु भगत को वर्ष 2013 के चुनाव में मिले वोट मधु भगत के लिये संजीवनी का काम किये थे। ऐसे सारद, मौदा, सिवनी, नदीटोला, रजेगांव, कोहका, देवगांव, कोस्ते, परसवाडा, नख्शी, टिमकीटोला, गुनाई जैसे गांवो के बूथो को प्रभावित करने का काम युसूफ पटेल के द्वारा किया गया था। वैसे तो युसूफ पटेल रजेगांव क्षेत्र के बूथ प्रभारी रहे है, लेकिन लोगो के बीच इनका षडयंत्र भरा चाबुक ऐसा चला कि इन्होने लांजी विधानसभा क्षेत्र से लगे परसवाडा विधानसभा के बूथो को प्रभावित करते हुए मधु भगत की नैय्या डूबो दी। जो सबकुछ हीना कावरें के ईशारे पर हुआ था।
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2018 के चुनाव में हर कोई जानता था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन रही है और हीना सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त करना चाहती थी। क्योकि बालाघाट जिले से हीना कावरें, मधु भगत और संजय उईके तीनो का नाम मंत्री मंडल में शामिल होने की पूरी गुजाईश थी। जहां कोई ना कोई केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त करता। लेकिन हीना कावरें ने पूरी रणनीति के साथ मधु भगत को हराने के लिये अपना मोहरा तैयार करवाया और मधु का विधानसभा चुनाव में हार दिलवा दी। तभी से मधु भगत और हीना कावरें में हल्की खटाश भी देखने मिलती है, जिसका एक नजारा गुटबाजी के तौर पर जिला पंचायत चुनाव में भी देखने मिला।
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ताजा हालात की यदि बात करें तो कांग्रेस के अधिकांश कार्यक्रम ऐसे होते है जहां हीना कावरें मौजूद होती है तो मधु भगत अक्सर नदारत देखे जाते है। हालांकि संगठन के कारण मधु भगत ने हीना कावरे के मंसुबो को भांपने के बाद भी माफ कर दिया है, लेकिन हीना की विचारधारा अभी भी मधु भगत के प्रति पाक साफ नही है। वर्ष 2018 के चुनाव में षडयंत्र रचकर हीना ने जो दाव खेला था, वही खिलाफती दाव आगामी समय में होने वाले वर्ष 2024 के चुनाव में भी देखने मिल सकता है। जरूरत है तो सिर्फ मधु भगत को सही गलत की परख रखने की, अन्यथा हीना कावरें उन स्वार्थी लोगो मे से एक है, जो कदम तो सबसे मिलाकर चल लेगी, लेकिन गुटबाजी के चलते उसका दिल किसी से मिलेगा नही।
आंकड़ों पर एक नजर
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बूथ के नाम, स्थान | प्रत्याशी | प्राप्त वोट |
गुनई | मधु भगत / रामकिशोर कावरे | 102/153 |
सारद | मधु भगत / रामकिशोर कावरे | 04/162 |
नदीटोला | मधु भगत / रामकिशोर कावरे | 158/442 |
सिवनी के तीन बूथो में | मधु भगत / रामकिशोर कावरे | 99, 36,38/242,157,210 |
मौदा के दो बूथो में | मधु भगत / रामकिशोर कावरे | 160,142/403,175 |
रजेगांव के चार बूथो में | मधु भगत / रामकिशोर कावरे | 198,171,206,208/178, 169, 226,192 |
देवगांव | मधु भगत / रामकिशोर कावरे | 242,272/520,235 |
कोस्ते | मधु भगत / रामकिशोर कावरे | 197,122/360,432 |
परसवाडा के दो बुथो में | मधु भगत / रामकिशोर कावरे | 91,141/303,249 |
नख्शी के तीन बूथो मे | मधु भगत / रामकिशोर कावरे | 332,88,42/178,490,224 |
कोहका | मधु भगत / रामकिशोर कावरे | 303/302 |
टिमकीटोला | मधु भगत / रामकिशोर कावरे | 82/215 |