डबल मनी कांड इस चुनाव में मुद्दा बन कर खूब उछल रहा है एक तरफ भाजपा प्रत्याशी आरोप लगा रहे है की हीना इस मामले में चढ़ौत्री लेकर मौन हुई तो दूसरी तरफ हीना इसे गृह मंत्री के संरक्षण होने के कारण सरकार द्वारा दबाने का आरोप लगा रही है।
- Advertisement -
बालाघाट, राष्ट्रबाण। इस विधानसभा चुनाव में लांजी सीट के दो प्रत्याशियों के बीच इन दिनो डबलमनी का मामला एक दूसरे की खींचतान का जरिया बन गया है। कभी भाजपा प्रत्याशी राजकुमार कर्राहे, लांजी विधायक हीना कावरें पर यह आरोप लगा रहे है कि हीना कावरे ने पहले विधानसभा में डबलमनी को लेकर सवाल उठाया, फिर अचानक डबलमनी वालो से साठगाठ करके शांत हो गई, जिससे क्षेत्र के लाखो लोगो का पैसा डूब गया। यदि पहली बार सवाल उठाने के बाद लगातार सरकार से कार्यवाही की अपील करती रहती है और कार्यवाही हो जाती तो कई लोगो के पैसे डूबने से बच जाते। वही दूसरी ओर हीना कावरें ने भी कर्राहे पर जुबानी पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा प्रत्याशी राजकुमार कर्राहे ने स्वंय पुश्तैनी जमीन बेचकर डबलमनी में राशि लगाई है, वे भी एक निवेशक है, लेकिन उन्होने अभी तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज नही करवाई है? इस तरह के आरोप प्रत्यारोप व जुबानी हमले से लांजी सीट में डबलमनी का मामला दो प्रत्याशियों के बीच एक दूसरे की खींचतान का जरिया बन गया है।
- Advertisement -
आपको बता दे कि लांजी क्षेत्र के बहुचर्चित डबलमनी मामला करोडो रूपयो के लेने-देन का मामला है। जिसे संज्ञान में लेते हुए लांजी विधायक हीना कावरें ने 25 फरवरी 2021 में बजट सत्र के दौरान विधानसभा में सवाल उठाया था और सरकार से तत्काल कार्यवाही की मांग की थी। लेकिन सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नही लिया और यह कारोबार अनवरत चलता रहा। जिसके बाद पुन: हीना कावरे ने 14 मार्च 21 को एक पत्र के माध्यम से सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया का ध्यान आकर्षण करवाया। परंतु उसके बाद हीना कावरें ने डबलमनी मामले को लेकर दोबारा कभी प्रयास नही किया। जहां क्षेत्र में यह चर्चायें तेज हो चुकी थी कि हीना कावरें ने डबलमनी के कारोबारियों से साठगाठ करके व उनसे बडी रकम लेकर खुद को पूर्णत: शांत कर दिया है।
- Advertisement -
देखते ही देखते एक समय इस कारोबार की आग ऐसी फैली कि डबलमनी का खेल खूब सुर्खियों में आ गया। जिसके बाद पुलिस ने भी अपने कान खडे कर दिया और पुलिस काम पर लग गई। जहां दौरान ही बालाघाट जिले के नवागत पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बडी रेड कार्यवाही की। जहां 17 मई 2022 को इस मामले से जुडी पहली शिकायत हुई। जब यह मामला पुलिस कार्यवाही से बहुचर्चित हो गया तो हीना कावरें ने भी यूटर्न लेते हुए मामले में श्रेय लेने का मन बना लिया और डबलमनी मामले को एक मुद्दा बनाकर विधानसभा में जिक्र किया और मामले में सीबीआई से जांच करवाये जाने की मांग की। जहां हीना विधानसभा में यह कहती हुई नजर आई कि मेरे द्वारा उठाये गये सवाल पर सरकार ने कोई एक्शन नही लिया। यदि उस सयम तत्काल कार्यवाही हो जाती तो कई निवेशको के पैसे भी डूबने से बच गये होते। इस कारोबार का आर्थिक कनेक्शन अन्य राज्यो से भी जुडा हुआ था, जिसका पुलिस ने खुलासा किया था।
- Advertisement -
वर्तमान दौर चुनावी सरगर्मीयों से गर्म हो चुका है और लांजी क्षेत्र में डबलमनी का मामला भी राजनीति मुद्दा बन कर परमान चढ रहा है। जहां डबलमनी को लेकर विधानसभा में सवाल खड़े करने वाली कांग्रेस विधायक हीना कावरे के अचानक शांत हो जाने की चचायें तेज हो रही है। क्योकि वास्तव में हीना कावरें ने एक बार सवाल उठाने के बाद विधानसभा सत्र में दोबारा कभी सवाल नही उठाया और ना ही क्षेत्र के निवेशको का पैसे जल्दी कैसे मिलेगें, उस विषय पर ना कभी जिला प्रशासन से बात की। अब तो हीना की कार्यप्रणाली पूर्णत: संदेह के घेरे में नजर आ रही है और भाजपा प्रत्याशी समेत क्षेत्र के लोग यह पूछ रहे है कि हीना कावरे यह बताए कि चुनाव लड़ने उनके पास करोड़ो रूपए कहां से आ रहे है?
- Advertisement -
हीना कावरें स्वंय जानती है कि किसी मामले में यदि सवाल उठाया जाये और समय पर कार्यवाही ना हो, तो उसका जवाब मांगा जा सकता है। परंतु हीना कावरें ने ना तो दोबारा कोई सवाल उठाया और ना ही विधानसभा के माध्यम से सरकार से कोई जवाब मांगा। जबकि 30 दिन के भीतर मामले में कार्यवाही को लेकर सरकार को जवाब देना पडता है, लेकिन हीना कावरें ने कोई जवाब मांगा ही नही और यह कारोबार अनवरत चलता रहा। यदि सरकार ने उन्हे कोई जवाब नही दिया तो उन्होने उसकी उच्चस्तरीय शिकायत क्यो नही की? जबकि हीना का दायित्व था कि उक्त मामले पर सरकार से जवाब तलब करवायें।
खैर जो भी है दोनों प्रत्याशयीयो में जुबानी जंग तेज हो गई है और दोनों ही प्रत्याशी इस मुद्दों को जनता के बीच ला कार जनता को रिझाने का प्रयास कर रहे है। अब जनता किस पर भरोसा जतायेगी यह तो भविष्य की गर्त पर छुपा हुआ है।
- Advertisement -
क्या डबल मनी कांड की चढ़ौत्री से शांत हुई हीना?
हीना कावरे के द्वारा क्षेत्र के डबल मनी कांड को लेकर जिस तरह चर्चा में आई है उससे तीन सवाल खड़े होते है। पहला सवाल विधानसभा में हिना ने अपने सवाल पर सरकार ने क्या एक्शन लिया। दूसरा सवाल अगर इस मामले में राज्य के गृह मंत्री की भूमिका संदिग्ध थी तो उसे जनता के बीच सार्वजानिक क्यों नहीं किया। तीसरा सवाल अगर सरकार द्वारा डबल मनी कांड को दबाया जा रहा था तो लांजी विधानसभा का नेतृत्व करने वाली हीना कावरे ने अपने क्षेत्र के लोग जो ठगी का शिकार हुए थे उनकी और से यह लड़ाई न्यायलय में क्यों नहीं लड़ी ?
जबकि लांजी विधायक हीना कावरे का यह दायित्व था की जनता के हित की लड़ाई हर स्तर पर लड़ना था लेकिन उन्होंने ऐसा न करते हुए पुरे मामले में रहस्यमयी चुप्पी साध ली। अब इस चुप्पी को चढ़ौत्री की वजह माने तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए।