बालाघाट, राष्ट्रबाण। बालाघाट के पड़ोसी जिले मे सिवनी जिले 50 से अधिक गाय का कत्ल करके सरेआम मैदान में फेंक दिया गया है। जिसका सिलसिला लगातार चल रहा है,वही जिला सिवनी विधयाक के साथ जनता ने भी इस हत्या को लेकर भी कड़ी नींदा की है, अपराधियो को जल्द से जल्द पकड़ कर कड़ी सजा देने को लेके 21 जून को सिवनी बंद करने का आव्हान किया जिसे पूरा जनसमर्थन मिला। सिवनी में गौवंश हत्या की आग की लपड़े अब बालाघाट जिले में भी आ गई है और बालाघाट जिले में भी हिंदूवादी संगठनों ने बंद का ऐलान किया है। जिसे बालाघाट में जोरदार समर्थन देखने को मिला है। बालाघाट में सर्व हिन्दू समाज की भावनायें गंभीर रूप से आहत हुई है,जिसको लेकर अब बालाघाट जिला बंद करने के साथ स्थानीय लोगो द्वारा इस घटना के विरोध में आज दिन शनिवार को संपूर्ण बालाघाट बंद का आह्वान किया जिसे सभी वर्गों का समर्थन मिला है।
सम्पूर्ण बालाघाट में बंद का असर
सिवनी जिले में गला रेत कर गौवंश की हत्या में हिन्दू समाज में भरी आक्रोश है, बालाघाट जिले में इसका व्यापक असर देखने को मिला है। बालाघाट, बैहर, बिरसा, कटंगी, वारासिवनी, लालबर्रा, खैरलांजी, लांजी, किरनापुर और तिरोड़ी तहसील में बाजार पूरी तरह बंद रहा। व्यपारी वर्गों ने भी बंद का समर्थन किया। इस पश्चात सभी लोगो से अपील की गई की इस बंद में शामिल होकर ऐसी धार्मिक उन्माद फैलाने वाली कायराना हरकतों का विरोध करे, जिससे फिर कोई ऐसी दानवीय हरकरत न कर सके।
यात्री वाहनों के पहिया भी थमे
बालाघाट में जहाँ एक तरफ व्यापारियों ने स्वेक्षा से दुकाने बंद राखी वही इस घटना का विरोध में बस ऑपरेटरों ने समर्थन करते हुए अपनी बसों को बंद रखा है। बता दें की बालाघाट में आज सुबह से ही बसों के पहिये थमे हुए है जिसके चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किन्तु घटना की निंदा करते हुए बस ऑपरेटरों ने बंद का समर्थन कर बसों के पहिया रोकने का निर्णय लेकर आज बसें बंद राखी है।
54 गायों को काटकर की गई हत्या
बंद को लेकर आयोजित की गई बैठक के दौरान विश्व हिंदू परिषद जिलाध्यक्ष यज्ञेश लालू चावड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि सिवनी जिले के दोंदावानी, पिंडरई,धूमा एवं केवलारी क्षेत्र में 19 जून की शाम को करीब 54 गौमाता की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर उन्हें नदी में फेंकने का कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि इस घिनौनी घटना से पूरे हिंदू समाज की भावना आहत हुई है और आक्रोश बढ़ा हुआ हैं। जिसके विरोध में ही 22 जून को संपूर्ण बालाघाट जिले को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। बंद के तहत बालाघाट मुख्यालय के साथ ही वारासिवनी, कटंगी, तिरोड़ी, खैरलांजी, लालबर्रा, बैहर, बिरसा,परसवाड़ा, लांजी सहित अन्य तहसील व ग्रामीण क्षेत्र भी बंद का आह्वान किया गया जिसे जनता जनर्दन सहित सभी वर्गों का समर्थन मिला है।