सिवनी, राष्ट्रबाण। सिवनी जिले के छीतापार गांव में कथित रूप से हुए दो करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के मामले ने अब न्यायालय की चौखट पर दस्तक दे दी है। याचिकाकर्ता राजिक अंसारी द्वारा जबलपुर हाई कोर्ट में दायर याचिका में प्रदेश सचिव पंचायत विभाग, जिला कलेक्टर सिवनी, जिला पंचायत सीईओ, जनपद पंचायत सीईओ, ग्राम पंचायत छीतापार के सरपंच सहित पूर्व सांसद ढालसिंह बिसेन को भी पक्षकार बनाया गया है। मामले में प्रशासनिक स्तर से लेकर राजनीतिक दायरों तक हलचल बढ़ गई है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि ग्राम पंचायत स्तर पर किसी विकास कार्य में भारी अनियमितताएँ हुईं, जिसमें लगभग दो करोड़ रुपये की गड़बड़ी का दावा किया गया है। हालांकि यह आरोप अभी तक न्यायालय में परीक्षण के अधीन हैं और याचिका में किए गए दावे की प्रामाणिकता अदालत की प्रक्रिया के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। इससे जुड़े दस्तावेजों और तथ्यों को अदालत जल्द ही सुनवाई के दौरान परखेगी।
राष्ट्रबाण ने इस संबंध में पूर्व सांसद ढालसिंह बिसेन से बात करने का प्रयास किया। उनसे मिली प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी किसी याचिका की जानकारी नहीं है और न ही उन्हें किसी भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में किसी प्रकार का नोटिस या सूचना प्राप्त हुई है। बिसेन ने कहा कि वे कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करते हैं और अगर अदालत से कोई नोटिस आता है तो वे विधि अनुसार उत्तर देंगे।
दूसरी तरफ, इस पूरे प्रकरण के मुख्य याचिकाकर्ता राजिक अंसारी से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे कोई संवाद नहीं हो सका। इससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्होंने किन आधारों पर यह याचिका दायर की और किन प्रमाणों को इसमें संलग्न किया है। जिला प्रशासन और पंचायत विभाग इससे जुड़े किसी भी टिप्पणी से फिलहाल बच रहे हैं।
याचिका दायर होने के बाद अब पूरा मामला कानूनी मोड़ ले चुका है और सभी की नज़रें हाई कोर्ट की आगामी तारीख पर टिकी हुई हैं। फिलहाल आरोप और जवाब के बीच यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है। कानून और न्यायालय की प्रक्रिया आगे चलकर यह निर्धारित करेगी कि आरोप कितने सही हैं और किसकी क्या जिम्मेदारी बनती है।
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