फतेहपुर में दलित किशोरी के साथ दुष्कर्म और जबरन धर्मांतरण का आरोप, तीन के खिलाफ मुकदमा

Rahul Maurya

फतेहपुर, राष्ट्रबाण: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक दलित किशोरी के साथ दुष्कर्म और जबरन धर्मांतरण का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ललौली थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी शोएब खान और उसके माता-पिता के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। किशोरी के परिजनों का आरोप है कि आरोपी ने लंबे समय से उसे परेशान किया और फिर दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया।

घटना का विवरण

पीड़ित किशोरी के मुताबिक, गांव का ही शोएब खान कई महीनों से उसका पीछा कर रहा था। वह अक्सर रास्ते में उसे रोककर छेड़छाड़ और गलत हरकतें करता था। किशोरी के पिता की उम्र और दिव्यांगता के कारण परिवार चुप रहा। 25 अगस्त की शाम, जब किशोरी बगीचे की ओर जा रही थी, शोएब ने उसे रोका और धर्म बदलकर शादी करने का दबाव डाला। जब किशोरी ने इसका विरोध किया, तो आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गया।

घटना के बाद डरी-सहमी किशोरी ने घर पहुंचकर परिजनों को आपबीती सुनाई। परिजनों ने आरोपी के घर जाकर शिकायत की, लेकिन वहां उन्हें अपमानित कर भगा दिया गया और धमकियां दी गईं। इसके बाद किशोरी की मां ने ललौली थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने किशोरी की मां की तहरीर के आधार पर शोएब खान, उसके पिता नफीस खान और मां के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मामला भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 74, 64(1), 352, 351(2), POCSO एक्ट 2012 की धारा 3 और 4, SC/ST एक्ट की धारा 3(2), और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 की धारा 3 और 5(3) के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी की तलाश जारी है और जांच को तेज कर दिया गया है।

यह मामला उत्तर प्रदेश में दलित समुदाय के खिलाफ हिंसा और जबरन धर्मांतरण के आरोपों को फिर से चर्चा में लाया है। स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामले सामाजिक असमानता और कमजोर वर्गों के शोषण को उजागर करते हैं।

फतेहपुर की इस घटना ने समाज और प्रशासन को गंभीर सवालों के सामने ला खड़ा किया है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि पीड़िता को न्याय मिलेगा और दोषियों को सजा। इस मामले की गहन जांच से और भी खुलासे हो सकते हैं।

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