सिवनी, राष्ट्रबाण। सबसे भ्रष्ट विभाग का तमगा पुलिस विभाग के नाम है। यह आए दिन अपने भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के लिए बदनाम होता है। अभी वर्तमान में कुछ दिनों पूर्व ही सिवनी जिले के कोतवाली में पदस्थ प्रधान आरक्षक सुंदर श्याम तिवारी के चालान पेश करने के एवज में 13 हजार रुपए मांगे थे, 10 हजार मिलने के बाद आरोपी से शेष तीन रुपए मांगने की रिकार्डिंग वायरल हुई और भ्रष्ट प्रधान आरक्षक सुंदर श्याम सुर्खियां बन गया। ऑडियो वायरल होते ही पुलिस कप्तान ने प्रथम दृष्टया प्रधान आरक्षक को दोषी मानते हुए लाइन हाजिर कर मामले जांच के निर्देश दिए है।
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अब इस मामले को लेकर बिट्टू को सिवनी पुलिस के द्वारा मामला वापिस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। प्रधान आरक्षक सुंदर श्याम रिश्वत ऑडियो मामले पर बिट्टू को धमकाते हुए आरक्षक विक्रम देशमुख द्वारा मामले को वापिस नहीं लेने पर झूठे मामले बना कर जेल पहुंचाने की धमकी और पैसे की मांग की गई है। धमकी से डर कर बिट्टू ने आरक्षक को 500 रूपये उसके फोन पे पर ट्रांसफर किये।
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अपने साथ हुए घटनाक्रम की शिकायत बिट्टू द्वारा सिवनी पुलिस अधीक्षक से करते हुए बिट्टू ने भ्रष्ट आरक्षक के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई हैं। अब देखना होगा की पुलिस अधीक्षक इस शिकायत के बाद आरक्षक विक्रम देशमुख पर कब और क्या कार्रवाही करते हैं यह भविष्य की गर्त पर छुपा हुआ हैं।
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महज 500 रूपये मे बिक गई खाकी
कुछ भ्रष्ट खाकीधारको के कारण पूरा पुलिस महकमा बदनाम हैं, इनमे एक नाम विक्रम देशमुख भी शामिल हैं। प्रधान आरक्षक सुन्दर श्याम रिश्वत ऑडियो कांड को वापिस लेने के लिए दबाव बनाने वाले आरक्षक विक्रम देशमुख महज 500 रूपये मे अपनी बर्दी की कीमत लगा बैठा। यह रकम विक्रम द्वारा अपने फ़ोन पे नंबर 9584182224 पर लिया गया हैं। 500 रूपये की रिश्वत से यह बात स्पष्ट होती हैं की पुलिस की बिकाऊ कार्यप्रणाली के चलते ही अपारधियों के हौसले बुलंद हैं और वह पैसे के दम पर क़ानून के रखवालों को अपनी जेब मे रख रहे हैं।