कटंगी, राष्ट्रबाण। जी हां यह राहगीरों और ग्रामीणों के आने-जाने वाली सड़क ही है। इस सड़क पर केवल चुनाव प्रचार के दौरान ही किसी भी पार्टी के नेताओं और उनके समर्थकों का आना-जाना होता है बाकि अफसर कभी भूलकर भी इधर नहीं आते। गर्मी और ठंड के मौसम में अगर आ भी जाए तो लग्झरी गाड़ी में बैठने वाले नेताओं और अफसरों को कच्ची सड़क के गड्ढों का अहसास नहीं होता। परंतु बारिश में इस सड़क पर ग्रामीणों की साईकिल और मोटरसाइकिल नहीं चल पाती। बात हो रही है बालाघाट (Balaghat) जिला मुख्यालय से 65 किमी. दूर तिरोड़ी (Tirodi) तहसील के ग्राम सादाबोड़ी से तहसील मुख्यालय तिरोड़ी को आपस में जोड़ने वाली कच्ची सड़क की। बारिश के बाद इस सड़क की ऐसी हालत हो गई है कि यहां पर साईकिल, मोटरसाईकिल चलाना तो दूर पैदल चलना तक बहुत मुश्किल हो गया है। हर वर्ष बारिश के मौसम में सड़क की हालत ऐसी ही हो जाती है। वैसे कटंगी-बोनकट्टा मुख्य सड़क मार्ग से लेकर ग्राम सादाबोड़ी तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की पक्की सड़क बनी हुई है किंतु सादाबोड़ी से ग्राम पंचायत चाकाहेटी के नीम टोला से होकर चिंदिया देवी से होकर तिरोड़ी को जोड़ने वाला रास्ता कच्चा है। यह सड़क मार्ग किस विभाग के अधीन है, इसका पता नहीं चल पाया। लोक निर्माण विभाग के अनुविभागीय अधिकारी एस.एन.डोंगरे (Sub-divisional Officer S.N.Dongre) से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि सड़क उनके विभाग के अधीन नहीं है।
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वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) के जीएम से जब संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। फिलहाल अधिकारिक तौर पर यह सड़क किस विभाग के पास है, इसका पता नहीं चल पाया है। ग्रामीणों ने बताया कि सादाबोड़ी से तिरोड़ी कच्चे सड़क की हालत से एक नहीं बल्कि कई बार शासन-प्रशासन को अवगत करवाया गया। मगर, आज तक सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। मीडिया के जरिए विधायक-सांसद और स्थानीय प्रशासन का ध्यानाकर्षण करवाने के लिए सरपंच जितेन्द्र नेवारे और ग्रामीणों ने मीडिया (Media) को गांव बुलाया और सड़क की हालत दिखाई। सड़क पर दोपहिया वाहन चलाना मुश्किल था ऐसे में ग्रामीण हमें अपने साथ ट्रेक्टर पर बिठाकर सादाबोड़ी से लेकर ग्राम पंचायत चाकाहेटी के नीमटोला तक लेकर गए। नीमटोला में सादाबोड़ी और नीमटोला के ग्रामीणों ने सड़क से होने वाली परेशानी साझा की। सादाबोड़ी सरपंच ने बताया कि इस सड़क के खराब होने से सादाबोड़ी के ग्रामीणों को तिरोड़ी जाने के लिए 18 से 20 किमी. का फेरा लगाना पड़ रहा ह, जिससे अतिरिक्त समय और अर्थ खर्च हो रहा है।
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सादाबोड़ी से तिरोड़ी को जाने वाले रास्ते में सादाबोड़ी से नीमटोला के बीच सड़क पर पैदल चलना मुश्किल है। वहीं इससे आगे यानी नीमटोला से चिंदिया देवी तक भी सड़क बहुत बुरे हाल है. नीम टोला निवासी मोहम्मद युसूफ बताते है कि सड़क की हालत को देखते हुए पंचायत सरपंच से लेकर सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की है। उन्होंने बताया कि सड़क की ऐसी हालत है कि गांव की किसी प्रसुति महिला, मरीज को अस्पताल लेकर जाना तक मुश्किल है। नीम टोला के मुबारक भाई बताते है कि गांव के लोग सुबह तो जैसे-तैसे आना-जाना कर ही लेते है परंतु रात्रि के वक्त घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है। स्कूली विद्यार्थियों के लिए सड़क से चलना मुश्किल है। सादाबोडी के ग्रामीण बताते है कि तिरोड़ी को जोड़ने वाला सड़क मार्ग इतना खराब है कि बच्चों को हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए तिरोड़ी भेजने की बजाए परसवाड़ाघाट भेजा जाता है।
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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) की अधिकारिक साइड से पता चलता है कि परवाड़ाघाट से सादाबोड़ी (Parwadaghat to Sadabodi) के बीच 05 साल पहले पहुंच मार्ग बनाया गया। अभी इस सड़क की स्थिति बसाहट से पूरी तरह से जुड़ी हुई नहीं है। मतलब अभी विभाग को सादाबोड़ी से चाकाहेटी पंचायत के नीमटोला कच्ची सड़क को जोड़ने की जरूरत है, इस सड़क से हर दिन ग्रामीणों का आना-जाना होता है। अब जब तक विभाग इस कच्ची सड़क को विभाग के पोर्टल पर दर्ज नहीं करता तब तक सड़क का निर्माण होना संभव नहीं है। इस दिशा में विधायक और सांसद दोनों को ही प्रयास करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का मकसद देश के सभी गांवों में पक्की सड़कें बनाना और उन्हें शहर की सड़कों से जोड़ा जाना है। इस योजना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना भी है। योजना की शुरुआत 14 वर्ष पहले साल 2000 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। इसका तीसरा चरण वर्ष 2019 में शुरू किया गया था तभी परसवाड़ाघाट से सादाबोड़ी के बीच सड़क बनी है।