Balaghat News : वृक्षों का दलाल, मचा रहा हाहाकार; जलाऊ लकड़ी लाने वाले गरीबो से लिए पैसे

Rashtrabaan

बालाघाट, राष्ट्रबाण। जंगलो की सुरक्षा के लिए वन सुरक्षा समितियों का गठन किया गया था लेकिन कुछ समितियों के सदस्य और पदाधिकारी वन सुरक्षा के नाम पर वृक्षों की सुरक्षा से सौदा करते हुए वन माफियाओं के साथ मिलकर वृक्षों की कटाई करा रहे है तो वही गरीब ग्रामीण जो जंगल से जलाऊ लकड़ी ला कर अपने घरो में चूल्हे जलाते है उनसे खुली लूट कर पैसा कमाने में लगे हुए है।

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मामला बालाघाट जिले के बिरसा वन परिक्षेत्र का है जहां कुछ ग्रामीण जंगल से जलाऊ लकड़ी ला रहे थे, जिन्हे पकड़ का वन सुरक्षा समिति के अचर रमेश के द्वारा ग्रामीणों को धमका कर तीन हजार रूपये लिया गया। ग्रामीणों का कहना है की पैसे नहीं देने पर वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर रमेश अचर द्वारा कार्यवाही की धमकी दी गई। धमकी से डर कर उन्होंने रमेश को तीन हजार रूपये दिए।

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सूत्रों की माने तो रमेश अचर वन तस्करो के साथ मिलकर जंगलो में इमरती लकड़ियों की कटाई में सहयोग करता है। क्षेत्र में यह जंगल का दलाल है लेकिन यह गरीब ग्रामीणों को वन अधिकारियों की धौंस दिखा कर जलाऊ लकड़ी लाने वाले किसान और ग्रामीणों से पैसे लुटते रहता है। पैसे नहीं देने पर रेंजर और डिप्टी रेंजर से ग्रामीणों की झूठी शिकायत करने और कार्यवाही की धमकी देता है।

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अधिकारियों का संरक्षण!

वन रक्षक ही भक्षक बन जाए तो वनो की सुरक्षा की उम्मीद किससे की जाये। विभागीय सूत्रों की माने तो रेंजर सौरभ सरणागत और डिप्टी रेंजर विनोद घोड़मारे ने रमेश अचर को सरक्षण दिया है। इसका फायदा उठाते हुए रमेश जंगल माफियाओं को जंगल काटने में सहयोग करता है। इन जंगल माफियो से रमेश मोती रकम लेकर इसका मोटा हिस्सा वन विभाग के जिम्मेदारों को पहुंचाता है। इसके बदले में अधिकारी उसे मनमानी करने की छूट देते है, अधिकारियों के संरक्षण का फायदा उठाते हुए रमेश ग्रामीणों को धाक दिखाते हुए उनसे जलाऊ लकड़ी के बदले पैसे भी वसूलता है।

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