बालाघाट, राष्ट्रबाण। ऑपरेशन प्रहार के तहत बालाघाट पुलिस लगातार आपराधिक गातिविधियों पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है और अपराधिक प्रवृति के लोगो पर नकेल कस रही है। लेकिन पुलिस का यह अभियान अवैध शराब, गांजा तस्करी और फरार वांरटियों तक ही सीमित रह गया है। लेकिन जुआ-सट्टा की ओर पुलिस का कोई ध्यान नही जा रहा है जबकि जिले में जुआ-सट्टा का मकडजाल फैला हुआ है। जहां बालाघाट जिले का लालबर्रा क्षेत्र काफी सुर्खियों में है।
दरअसल, जिले के लालबर्रा थाना क्षेत्र में सट्टा खिलाने का कारोबार खूब चरम पर है। कई संदिग्ध खाईवाल इस खेल में जमे हुए है, जो ना सिर्फ अवैध रूप से पैसे कमा रहे है बल्कि क्षेत्र के लोगो को इस खेल में दलदल में ढकेलकर उन्हे बर्बाद कर रहे है। सुत्रो की माने तो गोलू उर्फ अनिल खरे जो काली मंदिर ग्राम अमोली का निवासी है, जिसका पूरे लालबर्रा क्षेत्र में बडा काम है और किसी श्यामू नाम के व्यक्ति को उसने चिल्लर काम संभालने की जिम्मेंदारी दे रखी है। इसके अलावा सुत्रो ने हमे अनिल तरवरे, परमेंश्वर पिता मधुकर गजभिये, आरिफ खान का भी नाम बताया है, जो सट्टा खिलाने के कारोबार में लंबे समय से लिप्त है। इन सबसे अलावा खालिद चाचा नामक व्यक्ति भी सट्टा खिलाने में मशहूर है, जो किरनापुर व उसके आसपास के क्षेत्र का सबसे बडा खाईवाल है, जो सटोरियो के बीच अपनी अच्छी पैठ जमाये बैठा है। लालबर्रा क्षेत्र में एक मोबाईल दुकान संचालक धर्मेन्द्र धामडे भी इस कारोबार में लिप्त है, यह भी सट्टा खिलाने वालो में मशहूर हो चुका है।
सुत्रो की माने तो इन सभी संदिग्ध लोगो के अलावा ऐसे बहुत से खाईवाल है जो सट्टा के कारोबार में पैर जमा चुके है। परंतु पुलिस के हाथ इनके गिरेबान तक नही पहुंच पा रहे है। सुत्रो का मानना है कि कुछ पुलिसकर्मी इन्हे सरंक्षण देकर खूब वसुली भी करते है। लेकिन पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी भनक तक नही है। इन संदिग्ध सट्टा खाईवालो के जाल में फंसकर कई युवा तबाह हो चुके है।