बालाघाट,राष्ट्रबाण। इन दिनों मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले की परसवाड़ा विधानसभा खूब सुर्खियों पर है। चर्चाओं में प्रदेश के आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे की ढींगे और घोषणाओं की, जो हर कार्यक्रम में की जा रही है। यह घोषणाएं लाखो करोडो की होती है लेकिन इन घोषणाओं का धरातल से कोई सरोकार दिखाई नहीं देता। मंत्री रामकिशोर कावरे अपने क्षेत्र की जनता को विकास के झूठे सब्जबाग दिखाते हुए आगामी विधानसभा के चुनाव में खुद को सुरक्षित करना चाहते है लेकिन इस बार रास्ता आसान नजर नहीं आता।
बता दें की आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे (Ayush Minister Ramkishor Kavre) अपने क्षेत्र के कार्यक्रमों में उपस्थित हो कर भूमि पूजन, घोषणा और फोटो सेशन कराने से नहीं चूकते। भाषण इतने लच्छेदार होते है की जिन्हे सुनकर ऐसा प्रतीत होता है की मानो मध्य प्रदेश भर में अगर कही विकास की गंगा बही है तो वह सिर्फ मंत्री रामकिशोर उर्फ़ नानू कावरे की परसवाड़ा विधानसभा है बाकि पूरा प्रदेश बकबास है। लेकिन मंत्री रामकिशोर के भाषण और घोषणाओं से क्षेत्र की जनता वाकिफ है और वह दबी आवाज में यह कहती है सुन लो भाषणवीर मंत्री की घोषणा जो सिर्फ मंचो तक सिमित है।
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अब हम अपने सुधि पाठको को समझाने की कोशिश करते है की आखिर क्षेत्र की जनता यह क्यों कह रही है। दरअसल मनकुंवर नदी में बन रहा पुल इन दिनों मंत्री रामकिशोर कावरे के लिए सिरदर्द बना हुआ है। महीनो पहले निर्माणधीन पुल को मंत्री रामकिशोर कावरे पूरा नहीं नहीं करा पा रहे है। साथ ही राहगीरों के लिए बनाने गए वैकल्पिक रास्ता भी दो बार बारिस में बह चूका है। अब ऐसे में मंत्री रामकिशोर कावरे के गाल बजाउ भाषण क्षेत्र की जनता के कानो पर करकस पैदा कर रहे है और वह इनसे ऊब चुकी है।
बता दें कि घगरिया में स्थित मनकुंवर नदी में बने जर्जर पुल का एक हिस्सा विगत वर्ष 2022 में अगस्त माह की बारिश में बाढ़ के पानी में बह गया था जिसके निर्माण के लिए क्षेत्र की जनता लगातार अपनी आवाज बुलंद करते हुए मांग कर रही थी। लेकिन साल बीत गए मंत्री रामकिशोर कावरे इसे पूरा नहीं करा पाए तो उनके द्वारा की गई घोषणाओं का भगवान ही मालिक है !
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पुल निर्माण नहीं होने का खामियाजा विगत साल 2022 से जनता अब तक भुगत रही है दुःख की बात यह है की 2 मई 2023 को भारी बाढ़ में वैकल्पिक रास्ता बह गया जिससे जनता परेशान हलाकान है। उसके बाद विधानसभा के पूर्व विधायक मधु भगत (Ex MLA Madhu Bhagat) सहित पूर्व सांसद कंकर मुंजारे (Ex MP Kankar Munjare) भी मौका स्थल पर पहुंचे जिन्होंने पुल निर्माण पर भरी भ्रष्टाचार होने की बात कही है। जैसे तैसे दोबारा वैकल्पिक मार्ग पुनः तैयार किया गया परंतु वह भी बरसात के पानी को नहीं झेल पाया। हाल ही में 27 जून को बरसात की बाढ़ आने के कारण वह वैकल्पिक मार्ग भी बह गया अब आवागमन करने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बालाघाट से मंडला कनेक्शन पूरी तरह टूट चुका है जिससे विधानसभा के लगभग 15 गांव प्रभावित हो रहे हैं राज्यमंत्री पर विधानसभा की जनता में काफी रोष नजर आ रहा है ।
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जनता की समस्याओं को छोड़ भूमि पूजन कर रहे मंत्री कावरे
परसवाड़ा विधानसभा के अंतर्गत पडने वाला ग्राम घंगरिया बालाघाट नैनपुर को जोड़ने वाला पुल को बहे लगभग 1 वर्ष बीत गया। दो बार वैकल्पिक मार्ग भी बह चुका है और जनता को भारी परेशानी का सामना करते हुए अपनी जान जोखम पर डालते हुए पुल पार करना पड रहा है परंतु अब तक वर्तमान सरकार के राज्यमंत्री एवं परसवाड़ा विधानसभा के विधायक रामकिशोर नानो कावरे के दर्शन क्षेत्र की जनता को नहीं हुए है। क्षेत्रीय जनता की माने तो आगामी विधानसभा चुनाव करीब है और वर्तमान सरकार के मंत्री को जनता की समस्या से किसी प्रकार का कोई मतलब समझ नहीं आ रहा है वह अपनी राजनीति केवल भूमि पूजन में ही चमकाते नजर आ रहे हैं ऐसी स्थिति में क्या मंत्री कावरे जनता के सेवक साबित हो पाएंगे? या केवल माफिया कारोबारियों से मिलकर कारोबारियों को भरपूर संरक्षण प्रदान करते रहेंगे ? आखिरकार वह समय कब आएगा जब मंत्री जी क्षेत्र की जनता की समस्या को सुनने के लिए 15 ग्राम की जनसंख्या के बीच उपस्थित होंगे!
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शिक्षा के क्षेत्र भी कोई उपलब्धि नहीं
मंत्री रामकिशोर कावरे अपने मंत्री कार्यकाल के तीन पुरे होने का जश्न मना रहे है। वह ढींगे हांकते हुए बालाघाट जिले में अपनी विधानसभा क्षेत्र में क्रांति लाने का दंभ भर रहे है, झूठी तारीफों के पुल बंधवा रहे है। लेकिन वास्तविकता कुछ और ही नजर आ रही है, मंत्री रामकिशोर शिक्षा के क्षेत्र अपनी कोई उपलब्धि नहीं गिना सकते। हां लेकिन पूर्व में किये गए प्रयासों और उपलब्धियों पर अपना नाम जरूर जोड़ कर अपनी ढपली अपना राग जरूर अलाप रहे है।
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क्षेत्र की सड़के है बदहाल
बालाघाट जिले की परसवाड़ा विधानसभा में सड़को को लेकर बहुत परेशानियां है। वर्तमान में मानकुंवर नदी पुल मंत्री रामकिशोर की उपलब्धि का जीवित उदहारण है। तो वही क्षेत्र के अधिकांश गांव में ग्रामीण आज भी जर्जर सड़को पर मजबूर है, सड़को का कीचड़ छात्र-छात्राओं के स्कूल जाने के लिए बाधा का कारण है। अब ऐसे हालातो पर अगर आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे अपने मंत्री पद के तीन साल पुरे करने पर उसे बेमिसाल बताते हुए जश्न माना रहे है तो यह सिर्फ उनकी ढींगे को बेमिसाल साबित करती है।