बालाघाट, राष्ट्रबाण। विधानसभा चुनाव के करीब आते ही भाजपा संगठन की तरह कांग्रेस में भी टिकट बटवारे को लेकर उथल-पुथल का माहौल है। प्रदेश में सरकार बनाने यहां संभावित प्रत्याशियों के द्वारा भी अपने क्षेत्र में तैयारियां शुरू कर दी गई है। लेकिन बालाघाट जिला कांग्रेस कमेटी में सर्वेसर्वा कहलाने वाली हिना कावरें अपनी मोनोप्पली चलाने पर पूरी तरह आमादा हो चुकी है, जिसके पिछे कही ना कही हिना कावरें का निजी स्वार्थ छिपा हुआ है। जिस तरह सिवनी के देवांगत नेता ठाकुर हरवंश सिंह ने 30 सालो तक अपना दबदबा बनाकर रखा था। ठीक उसी तरह हिना कावरें भी एक मुकाम हासिल करना चाह रही है। अपने निजी स्वार्थ भरे सपने को साकार करने के लिये सिवनी के देवांगत नेता ठाकुर हरवंश सिंह के रास्ते पर चलते हुए हीना कावरें, बालाघाट में अपना दबदबा बनाने के लिये पार्टी के लिये नासुर बन सकती है।
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बताया जाता हैं कि जिस तरह स्व. ठाकुर हरवंश सिंह के द्वारा सिवनी की एक मात्र अपनी विधानसभा केवलारी को मजबूत करते हुए व जीत का दावा कर अन्य तीन सीटो पर विरोधी पार्टी को सपोर्ट किया जाता था, ठीक उसी तरह इन दिनो बालाघाट जिले में हीना कावरें के द्वारा भी रणनीति रचते हुए अपनी विधानसभा को मजबूत कर रही है। वही जिले की अन्य सीटो पर कांग्रेस को कमजोर करने व विधानसभा हरवाने के लिये साजिशे रचने की चर्चा चल रही है।
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माना जा रहा है कि हिना कावरे अपने रचे हुए षडयंत्र के मुताबिक वह एक तीर से दो निशाने साधेगी। जहां हीना का पहला कारनामा यह है कि लांजी व बैहर सीट को छोडकर बालाघाट, परसवाडा, कटंगी और वारासिवनी में कमजोर चेहरो को सामने लाकर उन्हे प्रत्याशी बनाने व उनके लिये टिकट दिलाने हेतू पूरी ताकत झोंक रही है। जहां इस प्लान को कामयाब करने के लिये विरोधियों का साथ निभाते हुए हिना कावरें के द्वारा अपने प्रदेश संगठन को बरगला रही है। यदि कांग्रेस का प्रदेश संगठन हिना के बहकावे में आकर यदि वह हिना के अनुसार कमजोर चेहरो को टिकट देते हुए अपना उम्मीदावार बनाते है तो निश्चित ही कांग्रेस का करारी हार का सामना करना पडेगा और हिना अपने मंसूबो पर कामयाब हो जायेगी। इससे हिना जिले में अपना दबदबा बरकरार रखेंगी और प्रदेश में यह संदेह पहुंचाएगी की बालाघाट जिले में कांग्रेस में वह ही एक ऐसा चेहरा है जिसे जनता जीत का ताज पहना रही है बाकी विधानसभा मे कांग्रेस की हार से कांग्रेस संगठन कमजोर होगा ?
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साजिश के पिछे क्या हिना का लाभ
राजनैतिक गलियारों मे चर्चा जोरो पर है की हिना कावरे जिस तरह से साजिशे रच कर खुद को संगठन और कांग्रेस पार्टी मे बड़ा बनाने की कोशिश मे लगी हुयी है उसमे हिना का अपना ही स्वार्थ छुपा हुआ है। भविष्य मे बालाघाट जिले की रजनीति मे कांग्रेस से सिर्फ हिना कावरे की विजयी होती है तो वह पुरे जिले मे अपनी मोनोपल्ली चला सकेगी, जिससे संगठन मे हिना का ग्राफ बढ़ेगा और जिले मे कांग्रेस के नेताओं को उसके सामने नतमस्तक होना पड़ेगा l हिना कावरे खुद को महाकौशल का बड़ा नेता मानती है जिसका खुलासा राष्ट्रबाण ने पहले ही कर चूका है। कुछ दिनों पहले ही हिना के समर्थक का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमे हिना समर्थक ने हिना कावरे को भविष्य का मुख्यमंत्री बताने से नहीं चूका l कमलनाथ के बाद हिना कावरे पुरे महाकौशल और प्रदेश मे अपने नाम का डंका बजवाना चाहती है जिसकी तैयारी वह अभी से करने लगी है और उसके इस स्वार्थ के लिए हिना जिले मे कांग्रेस के उभरते हुए नेताओं का ग्राफ छोटा करना चाहती है जिसका उदाहरण जिला पंचायत के चुनाव मे भी देखने को मिला था, जिला पंचायत चुनाव मे भी हिना की मोनोपल्ली जग जाहिर हुई थी l
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अनुभा पर लगाम क्यों नहीं लगा रही हिना!
हिना द्वारा ज़ब अनुभा मुंजारे को कांग्रेस मे लाया गया तब अनुभा का ग्राफ कांग्रेस और जिले मे कुछ समय के लिए बढ़ा था परन्तु गुटबाजी और अनुभा के बिगड़े बोल के चलते उतनी ही तेजी से अनुभा के विरोधी भी बढ़ गए l अनुभा और कार्यकर्ताओ के बिच बढ़ते मन मुटाव को हिना कम नहीं करवा पायी, जिसके चलते बालाघाट की जनता अब यह कहने लगी है की यही हाल रहा और कांग्रेस से अनुभा प्रत्याशी बनती है तो उनकी हार सुनिश्चित है l अनुभा मुंजारे ज़ब से कांग्रेस मे आयी है तब से उनका अहंकार भी लोगो को नजर आने लगा है जिसका उदाहरण वर्तमान मे लोधी समाज के कार्यक्रम मे देखने को मिला।
जहां उन्होंने सिर्फ इस बात का बतंगड़ बना दिया की मंच पर बैठे अतिथि से पहले उनका सम्मान क्यों नहीं हुआ!, अनुभा की इस हरकत से लोधी समाज मे भी काफी नारजगी देखने को मिली l पिछले 2-3 महीनों के भीतर जिस तरह अनुभा मुंजारे के प्रति जनता का नजरिया बदला है उससे कांग्रेस को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इतना सब होने पर भी हिना का मौन साधे हुए है l अब सवाल यह उठता है की आखिर हिना कावरे अनुभा मुंजारे को क्यों नहीं रोक रही है ?, क्यों हिना कार्यकर्ताओ और अनुभा के बीच सामंजस नहीं बैठा रही है?, क्या हिना के द्वारा जानबूझकर अनुभा को छूट दी जा रही है।