बैतूल, राष्ट्रबाण । अवयस्क बालिका केे साथ बलात्कार करने वाले आरोपी राकेश पिता संजू गायकवाड, उम्र 19 वर्ष, निवासी-थाना सारणी दोषी पाते हुए, धारा 376(3) भादवि में 20 वर्ष कठोर कारावास एवं 2,000रू. जुर्माना से दंडित किया गया। प्रकरण में मप्र शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी/विषेश लोक अभियोजक एसपी वर्मा एवं वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी/अनन्य विषेश लोक अभियोजक ओमप्रकाश सूर्यवंशी द्वारा पैरवी कार्य किया गया।
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वही पीडिता के पिता फरियादी ने पुलिस थाना सारणी में इस आषय की मौखिक रिपोर्ट दर्ज करायी कि दिनांक 15.10.2019 कि सुबह 07ः00 बजे उसकी बड़ी लडकी जिसकी उम्र 12 वर्ष है, वह स्कूल गयी थी। उसकी लड़की की स्कूल से छुट्टी दोपहर 12ः30 बजे होती है, परंतु वह शाम 05ः00 बजे तक घर वापस नहीं आई, तब उसने उसकी लडकी को आसपास व रिस्तेदारी व सहेलियों के घर जाकर तलाश की। पीडिता की एक सहेली ने बताया कि पीड़िता स्कूल गयी थी और आधे रास्ते तक उसे उसने घर जाते हुए देखा, उसके बाद वह कहां गयी इस संबंध में उसे कुछ नहीं पता।
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फरियादी के पिता ने रिपोर्ट में शक जाहिर किया कि उसकी नाबालिक लड़की को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर अपने साथ भगाकर ले गया है। फरियादी की उक्त शिकायत पर पुलिस थाना सारणी में अपराध दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। अनुसंधान के दौरान पुलिस ने पीड़िता को दस्तयाब किया। पीडिता के 161 एवं 164 द.प्र.सं. के कथन लिये गये जिसमें उसने आरोपी राकेश द्वारा जबरदस्ती बैठाकर भोपाल ले जाना एवं आरोपी द्वारा पीड़िता के साथ बलात्कार करना बताया परंतु विचारण के दौरान न्यायालय में पीड़िता ने आरोपी के द्वारा बलात्कार किये जाने के संबंध में कथन नही किये। विवेचना के दौरान पीडिता का मेडिकल परीक्षण कराया गया था, अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। पुलिस थाना सारणी द्वारा आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र अनन्य विषेश न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) बैतूल मप्र के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया।
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विचारण मे अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी को दंडित किया गया। न्यायालय में विचारण के दौरान पीड़िता ने अभियोजन कहानी का समर्थन नहीं किया एवं उसके साथ कोई घटना होने से इंकार किया, परंतु अनुसंधान के दौरान पुलिस अधिकारी द्वारा तैयार किए गये दस्तावेजो एवं संकलित की गई वैज्ञानिक साक्ष्य डीएनए रिपोर्ट के आधार पर पीड़िता के साथ आरोपी द्वारा शारीरिक संबंध बनाया जाना प्रमाणित हुआ। उम्र संबंधित दस्तावेजो के आधार पर पीड़िता 12 वर्ष की आयु की बालिका होना अभियोजन द्वारा प्रमाणित किया गया। प्रकरण में पीड़िता के द्वारा पक्ष समर्थन न किये जाने पर भी पीड़िता के साथ आरोपी के द्वारा बनाये गये शारीरिक संबंध के लिए आरोपी राकेश को दोषी पाकर माननीय न्यायालय द्वारा दंडित किया गया है।