बैतूल, राष्ट्रबाण। 5 सितंबर शिक्षक दिवस के अवसर पर जहां एक ओर देशभर में गुरुजनों का सम्मान और अभिनंदन किया गया, वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपने अधिकारों को लेकर विरोध का अनोखा तरीका अपनाया। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन भारत एवं मध्यप्रदेश संगठन के राष्ट्रीय और प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर कर्मचारियों ने पूरे देश में एकजुट होकर उपवास आंदोलन किया। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य पुरानी पेंशन बहाली और नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता बहाली की मांग को शासन तक पहुंचाना था।
उपवास रखने का कारण
आंदोलनकारियों का कहना है कि यदि शिक्षकों और कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता नहीं दी जाती है तो वे शासन द्वारा मिलने वाले बड़े लाभों से वंचित रह जाएंगे। इसमें ग्रेच्युटी, पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति सुविधाएं शामिल हैं। कर्मचारियों ने बताया कि पुरानी पेंशन प्रणाली समाप्त होने के कारण लाखों कर्मचारियों का भविष्य असुरक्षित हो गया है। इसी वजह से शिक्षक दिवस जैसे खास दिन पर भी वे उपवास रखने को मजबूर हुए। उनका मानना है कि यह आंदोलन न केवल शिक्षकों के लिए, बल्कि हर कर्मचारी के भविष्य की सुरक्षा के लिए है।
बैतूल में हुआ बड़ा कार्यक्रम
बैतूल जिले में आयोजित उपवास कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कर्मचारी और पदाधिकारी शामिल हुए। यहां उपस्थित पदाधिकारियों ने एक स्वर में पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठाई। कार्यक्रम में प्रांतीय सचिव एवं ब्लॉक अध्यक्ष चिचोली रवि सरने, जिला अध्यक्ष धनराज पाटील, ब्लॉक अध्यक्ष बैतूल गंगाराम गुडोले, कोषाध्यक्ष रवि अतुलकर, अनिल गोस्वामी, प्रकाश देवड़े, महिला प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष अनीता सोनारे, सिंधु धुर्वे, सुनीता उइके, राजकुमार राठौर, अशोक बने, राजू आठनेरे, शैलेंद्र बिहारिया और गोपाल बिहारे सहित कई कर्मचारी नेता मौजूद रहे।
कर्मचारियों का सामूहिक संकल्प
सभी नेताओं और कर्मचारियों ने शासन से मांग की कि पुरानी पेंशन प्रणाली तत्काल प्रभाव से बहाल की जाए। साथ ही नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता को मान्यता दी जाए ताकि शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को न्याय मिल सके। आंदोलनकारियों ने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो न केवल वे आर्थिक नुकसान उठाएंगे बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद उनका भविष्य असुरक्षित हो जाएगा।
सरकार पर दबाव
आंदोलनकारियों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक संघर्ष पूरे देश में जारी रहेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुरानी पेंशन बहाली के बिना वे पीछे नहीं हटेंगे। उनका कहना है कि सरकार को यह समझना होगा कि पेंशन केवल कर्मचारियों का अधिकार ही नहीं, बल्कि उनके परिवार की सुरक्षा की गारंटी भी है।
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