भोपाल, राष्ट्रबाण। म.प्र. आजीविका मिशन में परियोजना प्रबंधक श्वेता मेहतो के ट्रांसफर रुकवाने और अधिकारी से सेटिंग कराने के लिए चर्चा में आये मनोज सिंह खबर से बौखला गए है। वह अपनी खाल बचाने के लिए पुरे मामले से पहले पल्ला झड़ते रहे बाद में पत्रकार को धमका कर अपनी खबर रोकने का विफल प्रयास करते हुए दिखाई दे रहे है।
बता दें की अतिरिक्त कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जबलपुर मनोज सिंह का कार्यकाल विवादित रहा है और उनकी दर्जनों शिकायत पहले भी हो चुकी है। लगभग 10 वर्षो से जबलपुर में पदस्थ मनोज सिंह पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लग चुके है। वर्तमान में मनोज सिंह की श्वेता मेहतो पर मेहरबानी विभाग में जनचर्चा का विषय बनी हुई है। श्वेता मेहतो के ट्रांसफर रुकवाने और नई पदस्थापना स्थान (बालाघाट) में पदभार ग्रहण न करने को लेकर “राष्ट्रबाण” ने बेबाकी से समाचार प्रकाशित कर श्वेता मेहतो ट्रांसफर मामले में भोपाल में संजीव सिंहा अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के 25 लाख के लेनदेन का खुलासा किया था। जिसके बाद से मनोज सिंह बार-बार राष्ट्रबाण के पत्रकार को एफआईआर की धमकी दे कर समाचार रुकवाने का प्रयास कर रहा था। साथ ही पत्रकार संघ पर शिकायत करने की बात मनोज सिंह ने किया है।
किस पत्रकार संघ को किया शिकायत?
कहते है जब सच्चाई उजागर होती है तो भ्रष्ट कपड़ो में भी नंगे नजर आते है, कुछ ऐसा ही मनोज सिंह के साथ हुआ। श्वेता मेहतो ट्रांसफर मामले में दलाली जबलपुर से बालाघाट और भोपाल तक हुई। विभागीय सूत्र बताते है की इस मामले में मनोज सिंह ने भी दलाली की मलाई जम कर चाती है। जब राष्ट्रबाण ने श्वेता मेहतो के ट्रांसफर मामले की पोल खोली तो मनोज सिंह बोखला गया और राष्ट्रबाण के खिलाफ शिकायत करने की धमकी दी फिर पत्रकार संघ को शिकायत करने की धमकी दी। मनोज ने व्हॉटसएप में कहा अब नहीं लगा पाओगे कोई न्यूज़ शिकायत भेज दी है पत्रकार संघ को देते रहना जवाब और महोदय जो आपको करना था कर लिया अब समय का इंतजार करें। हालांकि मनोज ने किस पत्रकार संघ को शिकायत की है इसका जिक्र नहीं किया है।
राष्ट्रबाण सच उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध
श्वेता मेहतो ट्रांसफर मामले में पैसे के लेनदेन की खबर के बाद जबलपुर जिला पंचायत और आजीविका मिशन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है जबलपुर से भोपाल तक चल रही दलाली अब विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में भ्रष्ट अधिकारियो द्वारा सच्ची खबरों के प्रकाशन रोकने के लिए कई षणयंत्र किया जाना लाज़मी है। राष्ट्रबाण एक जो अपने आप में एक मिशन है। भ्रष्ट अधिकारियो के चेहरे से मुखौटा उतरना हमारा दायित्व है और हम अपने दायित्व के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेंगे, फिर चाहे मनोज सिंह जैसे गीदड़ हमे खोखली धमकी देते रहे हम उनकी गीदड़ भभकी से नहीं डरने वाले।