Bhopal News : पैसे फेको ट्रांसफर रोको, श्वेता के ट्रांसफर रुकने के पीछे पैसे के लेन-देन की चर्चा

Rashtrabaan
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Highlights
  • अतिरिक्त कार्यपालन अधिकारी की मेहरबानी से हुई सेटिंग!
  • बालाघाट कलेक्टर की भूमिका, पदभार ग्रहण न करने पर क्यों नहीं लिया एक्शन

भोपाल, राष्ट्रबाण। मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की बालाघाट जिला प्रबंधक श्वेता मेहतो इन दिनों आराम फरमा रही और विभाग के सारे काम ठप्प पड़े हुए है। विभाग में कुछ छोटे मोटे कामो को बाबुओं द्वारा किया जा रहा है। लेकिन जिला मुख्यालय में लंबे समय से अपने कार्यो से विमुख श्वेता मेहतो की खबर न तो प्रदेश सरकार के उच्चाधिकरियों ने ली है न ही बालाघाट जिला कलेक्टर ने इसकी सुध लेना मुनासिब समझा है। बताया जाता है की जिला प्रबंधक श्वेता की लक्ष्मी की चमक के आगे सभी अंधे हो गए है।

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बता दें की मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की जबलपुर में पदस्थ रही जिला प्रबंधक श्वेता मेहतो का पिछले दो माह पूर्व ही बालाघाट ट्रांसफर हुआ है जिसके बाद से ही श्वेता मेहतो अपने ट्रांसफर को रुकवाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए पहले श्वेता ने मेडिकल का सहारा लिया लेकिन जब बात नहीं बनी तो कोर्ट की शरण में जा कर अपनी पदस्थापना को यथावत रखने का प्रयास किया लेकिन माननीय न्यायालय ने इसकी जिम्मेदारी विभाग को दे दी और श्वेता की पदस्थापना निर्धारित करने के निर्देश दे दिए। जिसके बाद जबलपुर से श्वेता को रिलीफ करते हुए नए अधिकारी को पदभार दे दिया गया।

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नियमानुसार श्वेता को अपनी नई पोस्टिंग पर आ कर पदभार संभालना था लेकिन श्वेता का जबलपुर मोह ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है और उन्होंने अपनी तगड़ी सेटिंग जमाते हुए बालाघाट जिले में पदभार ग्रहण करने से दुरी बनाते हुए जबलपुर में मौज फरमा रही है। विभागीय सूत्रों की माने तो श्वेता की विभागीय एवं राजस्तर पर बड़ी सेटिंग है यही वजह है की वह वर्षो से जबलपुर जिले में अंगद के पैरो की तरह जमी हुई है। जब 2024 में उनके स्थानतंरण हुआ तो वह चकित हो गई और अपनी पहुंच और पावर का उपयोग करने में लग गई लेकिन जब स्थान्तरण निरस्त नहीं हुआ तो पैसे के दम पर अपनी मनमानी करते हुए अपनी पदस्थापना पर पदभार ग्रहण नहीं कर रही है।

अतिरिक्त कार्यपालन अधिकारी है मेहरबान

विभागीय सूत्रों की माने तो श्वेता मेहतो के जबलपुर जिला पंचायत के अतिरिक्त कार्यपालन अधिकारी मनोज सिंह से मधुर संबंध है। इनकी मेहरबानी के चलते श्वेता की मनमानी का खेल जारी है। सूत्रानुसार मनोज सिंह द्वारा ही प्रदेश स्तर पर सेटिंग कराई गई है। विभागीय सूत्रों की माने तो जहां श्वेता पिछले छः वर्षो से जबलपुर में पदस्थ है तो वही मनोज सिंह दस वर्षो से जबलपुर जिले में अपने पैर जमाये हुए है।

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विभाग में पैसे लेन-देन की चर्चा जोरो पर

छः वर्षो से मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की जबलपुर जिला प्रबंधक पद पर पदस्थ श्वेता मेहतो के ट्रांसफर की खबर चर्चा का विषय बनी हुई है। मेडम के नई पदस्थापना में पदभार ग्रहण न करने को लेकर पैसे के लेन-देन की चर्चा जोरो पर है। विभाग में चर्चा है की श्वेता के मनमानी के पीछे विभागीय अधिकारी के साथ-साथ बालाघाट जिला कलेक्टर की अहम् भूमिका है। विभागीय सूत्र बताते है की श्वेता मेहतो द्वारा संजीव सिंहा, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन भोपाल को 25 लाख रूपये दिए गए है तो वही बालाघाट जिले में नवीन पदस्थपना में पत्र व्यवहार न करने के लिए कलेक्टर बालाघाट को 10 लाख रूपये दिए गए है है। चर्चा में कितनी सच्चाई है यह तो यह अधिकारी ही बता सकते है लेकिन यह चर्चा पुरे विभाग में जोरो पर चल रही है।

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