श्रीकृष्ण को ‘माखन चोर’ कहने पर भड़के CM मोहन यादव, कांग्रेस ने लगाया सनातन धर्म बदलने का आरोप

Rahul Maurya

भोपाल, राष्ट्रबाण: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के एक बयान ने सियासी हलकों में तहलका मचा दिया है। उन्होंने श्रीकृष्ण को ‘माखन चोर’ कहने पर आपत्ति जताते हुए इसे भगवान के विद्रोही स्वभाव का गलत चित्रण बताया। यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण का माखन के प्रति लगाव कंस के अत्याचार के खिलाफ विद्रोह का प्रतीक था। इस बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सनातन धर्म और श्रीकृष्ण की लीलाओं का इतिहास बदलने की कोशिश कर रहे हैं। इस विवाद ने मध्य प्रदेश की सियासत को गर्मा दिया है।

मोहन यादव ने क्या कहा

कृष्ण जन्माष्टमी के बाद एक कार्यक्रम में बोलते हुए मोहन यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण का माखन के प्रति प्रेम सिर्फ चंचलता नहीं था, बल्कि यह कंस के शोषण के खिलाफ एक विद्रोह था। उन्होंने बताया कि उस समय माखन कंस के पास जाता था, और श्रीकृष्ण ने ग्वालों की टोली बनाकर माखन को या तो खाने या मटकी फोड़ने का संदेश दिया, ताकि वह दुश्मन तक न पहुंचे। यादव ने ‘माखन चोर’ जैसे शब्दों को अनुचित बताते हुए कहा कि यह श्रीकृष्ण के विद्रोही दृष्टिकोण को कमतर करता है। उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद सियासी विवाद शुरू हो गया।

कांग्रेस का तीखा पलटवार

मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने मोहन यादव के बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सनातन धर्म की परंपराओं और श्रीकृष्ण की लीलाओं को तोड़-मरोड़कर नया इतिहास लिखना चाहते हैं। सिंगार ने सवाल उठाया कि क्या सनातन धर्म में बरसों से चली आ रही कहानियों को बदलने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस ने इसे सांस्कृतिक विरासत पर हमला करार दिया और यादव से माफी की मांग की। इस बीच, कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इस बयान पर सवाल उठाए, जबकि कुछ ने यादव के दृष्टिकोण को एक नया नजरिया बताया।

सनातन धर्म पर बहस

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब सनातन धर्म और उसकी परंपराओं को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है। मोहन यादव, जो स्वयं को सनातन संस्कृति का समर्थक बताते हैं, ने अपने बयान में श्रीकृष्ण की लीलाओं को एक सामाजिक और राजनीतिक संदेश से जोड़ा। उनके समर्थकों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण की छवि को और गहराई से प्रस्तुत करने की कोशिश की है। दूसरी ओर, विपक्ष का मानना है कि यह सनातन धर्म की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। इस विवाद ने धार्मिक और सियासी चर्चाओं को एक नया मोड़ दे दिया है।

आगे क्या होगा

मोहन यादव के इस बयान ने न सिर्फ मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे देश में सनातन धर्म के अनुयायियों के बीच चर्चा छेड़ दी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद जल्द शांत हो सकता है, लेकिन विपक्ष इसे विधानसभा सत्र में उठाकर सरकार पर दबाव बना सकता है। यादव ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई नया बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वह अपने रुख पर कायम हैं। इस बीच, जनता की नजर इस बात पर है कि क्या यह सियासी ड्रामा और गहराएगा या शांत हो जाएगा।

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