सिर्फ चेतावनी में सिमटी कांग्रेस : आंदोलन करने कांग्रेस की हिम्मत नहीं ; 23 दिन बाद भी नहीं आरोपी की गिरफ्तारी, कांग्रेस मौन!

Rashtrabaan

भोपाल, राष्ट्रबाण। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में 17 नवंबर 2024 को दलित शिक्षिका द्वारा भाजयुमो के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सुहागपुरे पर शादी का प्रलोभन दे कर शारीरिक संबंध बनाने को लेकर शिकायत दर्ज कराई जिसमें बालाघाट पुलिस ने आरोपी पर बलात्कार के तहत मामला दर्ज किया लेकिन 23 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी को पकड़ने में पुलिस नाकाम साबित हुई है।

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इस घटना के बाद बालाघाट जिला कांग्रेस ने विरोध करते हुए आरोपी भूपेंद्र की जल्द गिरफ्तारी करने की अपील पुलिस प्रशासन से की। जल्द गिरफ्तारी नहीं होने पर कांग्रेस नेताओं ने आंदोलन और बालाघाट बंद की चेतावनी तक दे डाली। यह विरोध का दौर बालाघाट से भोपाल तक चला लेकिन अभी तक दलित शिक्षिका से रेप का आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है और कांग्रेस सिर्फ बयानबाजी कर मौन है।

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किसने क्या कहा था

  • दलित शिक्षिका रेप कांड में कांग्रेस जिला अध्यक्ष और बैहर विधायक संजय उईके ने भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आरोपी भूपेंद्र सुहागपुरे को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की थी ऐसा न होने की दशा में बालाघाट बंद करने की चेतावनी दी थी।
  • कांग्रेस से बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे ने इस घटना को दुखद बताते हुए आरोपी को सत्ता का संरक्षण बताया था। आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर बड़े आंदोलन की बात कही थी।
  • कांग्रेस की प्रदेश महासचिव साधना भारती ने भाजपा के चाल चरित्र पर सवाल उठाते हुए महिला सुरक्षा पर भाजपा को ढोंगी बताया था। मोहन सरकार की पुलिस को कठघरे में खड़ा करते हुए भाजयुमो को सरकार का संरक्षण होने का आरोप लगाया था। आरोपी भूपेंद्र की जल्द गिरफ्तारी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी थी।

भाजपा जिलाध्यक्ष का संरक्षण

रेप पीड़िता ने भाजयुमो जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सुहागपुरे को भाजपा जिलाध्यक्ष रामकिशोर उर्फ नानो कावरे का संरक्षण होने का आरोप पहले ही लगाया था। पीड़िता ने बताया था कि 17 नवंबर को जब वह पुलिस के साथ मैरिज लॉन पहुंची थी तब पूर्व मंत्री और भाजपा जिलाध्यक्ष रामकिशोर उर्फ नानो कावरे उस समय आरोपी भूपेंद्र सुहागपुरे के साथ था। उसे संरक्षण देते हुए उसकी गिरफ्तारी नहीं होने दी। जिलाध्यक्ष की उपस्थिति में कार्यक्रम संपन्न हुआ लेकिन पुलिस ने बलात्कार के आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। पीड़िता के आरोप और पुलिस की शिथिल कार्यप्रणाली से स्पष्ट होता है कि आरोपी को सत्ता का संरक्षण मिला और बालाघाट की पुलिस ने बलात्कार के आरोपी भूपेंद्र को भागने का मौका दिया।

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विधायक चार, सारे बेकार

बालाघाट जिले में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के चार विधायक है । ये चार विधायक अनुभा मुंजारे (विधायक बालाघाट), संजय उईके (विधायक बैहर), मधु भगत (विधायक परसवाड़ा) विक्की पटेल (विधायक वारासिवनी) है लेकिन ये चारों विधायक विपक्ष की भूमिका निभाने में फिसड्डी साबित हो रहे है। दलित शिक्षिका रेप कांड में इन चारों का मौन जनता के समझ के परे है। माना जा रहा है कि इन चारों को मौन रहने के लिए भाजपा संगठन ने इन्हें सेट कर लिया है। शायद यही वजह है कि पुलिस की लापरवाही और सत्ता का संरक्षण प्राप्त रेत का आरोपी भूपेंद्र को मिल रही छूट पर ये चारों विधायक जुबान में ताला लगा कर बैठे है।

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कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भी मौन!

प्रदेश की कानून व्यवस्था चरमरा गई है। आरोपियों को सत्ता के दलाल संरक्षण दे रहे है। आरोपी पुलिस की उपस्थिति में वैवाहिक कार्यक्रम को अंजाम दे रहे है। शिकायत के बाद भी पुलिस आरोपी को छोड़ रही है । विपक्ष मौन है? आखिर दलित शिक्षिका रेप मामले में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने अब तक चुप्पी क्यों साधी है । प्रदेश कांग्रेस की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।

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