उधमपुर में सीआरपीएफ बस हादसा 3 जवान शहीद, 15 घायल, बचाव कार्य तेज

Rahul Maurya

    जम्मू-कश्मीर, राष्ट्रबाण: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में गुरुवार सुबह एक दुखद हादसे में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस 200 फीट गहरी खाई में गिर गई। यह हादसा कदवा-बसंतगढ़ मार्ग पर सुबह 10:30 बजे हुआ, जब 187वीं बटालियन की बस एक ऑपरेशन से लौट रही थी। बस में 23 जवान सवार थे। हादसे में तीन जवानों की मौत हो गई, जबकि 15 अन्य घायल हुए।

    दो जवान आनंद कोच (27, मेघालय, 137वीं बटालियन) और अरविंद (36, बिहार, 187वीं बटालियन) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीसरे जवान ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ा। घायलों में आठ की हालत गंभीर है, जिन्हें एयरलिफ्ट कर उधमपुर के सैन्य अस्पताल में भर्ती किया गया। बाकी का इलाज बसंतगढ़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है।

    बचाव कार्य तेज

    हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। उधमपुर के अतिरिक्त एसपी संदीप भट ने बताया कि सभी घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। गंभीर रूप से घायल जवानों में करले गजानंद (महाराष्ट्र), सुनील ज़ाल्को (झारखंड), अनीश कुमार (केरल), और मोहम्मद मुश्ताक (जम्मू-कश्मीर) शामिल हैं। स्थानीय लोगों ने स्वेच्छा से बचाव में मदद की, जिसकी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सराहना की। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

    नेताओं की संवेदनाएं

    केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने हादसे को “दुखद” बताया और कहा कि हर संभव मदद सुनिश्चित की जा रही है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी शोक जताते हुए कहा कि यह खबर बेहद दर्दनाक है और वह घायलों के लिए प्रार्थना करती हैं। हादसे की वजह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रारंभिक जांच में वाहन की तकनीकी खराबी या सड़क की खराब स्थिति को कारण माना जा रहा है। बसंतगढ़ के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने घटना की पुष्टि की और बताया कि जांच के लिए एक समिति गठित की गई है, जो हादसे के कारणों का पता लगाएगी।

    सीआरपीएफ जवानों का बलिदान

    सीआरपीएफ के जवान जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी अभियानों में अहम भूमिका निभाते हैं। इस हादसे ने क्षेत्र की खराब सड़क व्यवस्था और पहाड़ी इलाकों में वाहनों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। बसंतगढ़ का कदवा क्षेत्र अपने संकरे और जोखिम भरे रास्तों के लिए जाना जाता है, जहां पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। इस घटना ने प्रशासन पर सड़क सुरक्षा और बुनियादी ढांचे को बेहतर करने का दबाव बढ़ा दिया है। स्थानीय लोगों और नेताओं ने मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। यह हादसा सीआरपीएफ जवानों के बलिदान और उनके सामने आने वाली चुनौतियों की याद दिलाता है।

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