नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ा जवाब दिया है। आयोग ने कहा कि वोटरों के नाम ऑनलाइन डिलीट नहीं किए जा सकते। अगर किसी का नाम हटाया जाता है, तो पक्ष रखने का मौका मिलता है। राहुल के दावों को आधारहीन बताते हुए आयोग ने स्पष्ट किया कि अनजान नंबरों से वोट काटने का कोई सिस्टम नहीं है। कर्नाटक की आलंद सीट पर डिलीट हुए नामों के मामले में आयोग ने खुद एफआईआर दर्ज की थी। आयोग के सूत्रों का कहना है कि जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब दिया जाएगा।
राहुल के आरोपों का जवाब
राहुल ने कर्नाटक की आलंद सीट का जिक्र कर कहा था कि एक नंबर से 10-12 वोट डिलीट हुए। आयोग ने खारिज किया और कहा कि कोई व्यक्ति वोटर लिस्ट से नाम हटा नहीं सकता। अगर नाम डिलीट होता है, तो डीएम और सीईओ के पास शिकायत का रास्ता खुला रहता है। आयोग ने जोर देकर कहा कि प्रक्रिया पारदर्शी है और हर कदम पर जांच होती है। राहुल के ‘हाइड्रोजन बम’ वाले बयान पर आयोग ने कहा कि सबूत दें, तो जांच होगी।
आलंद सीट पर एक्शन
आयोग ने आलंद सीट पर वोटरों के नाम डिलीट होने के मामले का संज्ञान लिया था। उन्होंने खुद एफआईआर दर्ज कराई और जांच शुरू की। राहुल ने दावा किया था कि कांग्रेस की मजबूत सीट पर 6,000 से ज्यादा वोट काटे गए। आयोग ने कहा कि यह आरोप गलतफहमी पर आधारित है। वोटर लिस्ट अपडेट प्रक्रिया में नाम हटाने से पहले नोटिस भेजा जाता है। आयोग ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में पूरी टीम को निर्देश दिया है कि आरोपों का विस्तृत जवाब तैयार किया जाए।
राहुल का लगातार हमला
राहुल गांधी ने कहा कि वे चुनाव आयोग को घेरते रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि उनके पास सच्चे सबूत हैं और टीम अच्छी रिसर्च कर रही है। राहुल ने कहा, “मैं हर दावे के पीछे सबूत रखता हूं। अभी जो दिखाया, वह हाइड्रोजन बम नहीं है।” पहले भी राहुल के आरोपों पर आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। राहुल ने कर्नाटक सीआईडी के 18 पत्रों का जिक्र किया, जिनका जवाब नहीं मिला।
राजनीतिक हलचल
यह विवाद चुनावी माहौल को गर्मा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि वोट चोरी से लोकतंत्र खतरे में है। भाजपा ने राहुल के दावों को राजनीतिक स्टंट बताया। आयोग ने कहा कि प्रक्रिया निष्पक्ष है और जनता को भ्रमित न किया जाए।
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