पंजाब इन दिनों भयानक बाढ़ की चपेट में है। पिछले एक महीने से सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के उफान और भारी बारिश ने पूरे राज्य में हाहाकार मचा दिया है। करीब 1300 गांव पानी में डूब गए हैं, और 2.56 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। इस आपदा में अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है। राज्य सरकार ने इसे दशकों की सबसे बड़ी प्राकृतिक त्रासदी बताया है। सबसे ज्यादा नुकसान अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का, पठानकोट और गुरदासपुर जैसे जिलों में हुआ है।
सबसे ज्यादा प्रभावित जिले
बाढ़ का सबसे बुरा असर अमृतसर में देखने को मिला, जहाँ 35,000 लोग प्रभावित हुए हैं। फिरोजपुर में 24,015, फाजिल्का में 21,562, पठानकोट में 15,053 और गुरदासपुर में 14,500 लोग इस आपदा की चपेट में हैं। इसके अलावा होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, मोगा, मानसा, बरनाला और एसएएस नगर जैसे जिले भी बाढ़ से जूझ रहे हैं। गुरदासपुर में 321 गांव, कपूरथला में 115, होशियारपुर में 94, अमृतसर में 88 और फिरोजपुर में 76 गांव पानी में डूबे हैं।
जानमाल का भारी नुकसान
इस बाढ़ ने न सिर्फ लोगों के घर उजाड़े, बल्कि खेतीबाड़ी को भी भारी नुकसान पहुँचाया है। करीब 96,000 हेक्टेयर खेत पानी में डूब गए हैं, जिससे किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं। पशुधन को भी बड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन सही आंकड़े पानी उतरने के बाद ही सामने आएंगे। सबसे ज्यादा मौतें पठानकोट में हुई हैं, जहाँ 6 लोग मारे गए। अमृतसर, होशियारपुर, लुधियाना, मानसा और रूपनगर में 3-3 लोगों की जान गई, जबकि बठिंडा, गुरदासपुर, पटियाला, मोहाली और संगरूर में 1-1 मौत दर्ज की गई। पठानकोट में 3 लोग अब भी लापता हैं।
राहत और बचाव कार्य जोरों पर
बाढ़ से निपटने के लिए पंजाब सरकार, NDRF, SDRF, सेना और पुलिस दिन-रात काम कर रहे हैं। अब तक 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। गुरदासपुर में 5,549, फिरोजपुर में 3,321, फाजिल्का में 2,049, अमृतसर में 1,700 और पठानकोट में 1,139 लोगों को बचाया गया है। NDRF की 20 टीमें इन जिलों में तैनात हैं। सेना और BSF भी राहत कार्यों में जुटी है। फिरोजपुर में 400 मेडिकल कैंप लगाए गए हैं, जहाँ 8,700 से ज्यादा मरीजों का इलाज हुआ। गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं।
स्कूल-कॉलेज बंद, हालात गंभीर
भारी बारिश के चलते चंडीगढ़ और पंजाब में स्कूल-कॉलेज 3 सितंबर तक बंद कर दिए गए हैं। होशियारपुर में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं, जहाँ गढ़शंकर और अन्य इलाकों में पानी घरों तक घुस गया है। कई सड़कें और पुल टूट गए हैं, जिससे लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। सेटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि रावी नदी अपनी सामान्य चौड़ाई से 10 गुना फैल गई, जिससे हजारों घर और खेत जलमग्न हो गए।
सरकार का एक्शन और अपील
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बाढ़ को हाल के इतिहास की सबसे भयानक आपदा बताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 60,000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद माँगी है। साथ ही, राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया 2 से 4 सितंबर तक फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर और आनंदपुर साहिब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। सीएम मान ने कहा कि सरकार हर संभव कोशिश कर रही है ताकि लोगों को राहत मिले।
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