लालबर्रा, राष्ट्रबाण। लालबर्रा तहसील अंतर्गत आने वाले मध्यप्रदेश वन विकास निगम लिमिटेड लालबर्रा के ग्राम कंजई के उत्तर-दक्षिण कंजई बीट संबंधित वन परिक्षेत्र में सागौन सहित अन्य किफायती इमारती पेड़ों की अवैध कटाई वनों से बेखौफ होकर की जा रही है। यहां सागौन का व्यापार करने वाले लोगों द्वारा कुल्हाड़ी से काटे गए मोटे मोटे सागौन के पेड़ों के ठूंठ कई संख्या में देखे जा सकते है।साथ ही मजबूत लकड़ी की बल्ली की डिमांड पर विक्रय करने हेतु छोटे छोटे सागौन के पेड़ों को भी काट दिया गया है। दक्षिण कंजई वन परिक्षेत्र में कटे हुए सागौन एवं अन्य इमारती लकड़ियों के ठूंठ क्षेत्र में कई जगह देखने को मिल रहे है। इस वन क्षेत्र में सागौन सहित इमारती लकड़ियों के पेड़ ठूंठ में परिवर्तित होने जा रहे है।
सागौन एवं अन्य ईमारती लकड़ियों को जंगलों से काटकर रात को परिवहन करने वाले वन तस्करों के हौसले बिना किसी डर के बुलंद है और सागौन की हो रही अवैध कटाई पर वन विभाग के स्थानीय चौकीदार बिल्कुल मौन है।लकड़ी तस्कर इमारती लकड़ी सागौन एवं अन्य की लकड़ी की अवैध कटाई करा उसे उचित स्थान ले जाकर चोरी छुपे फर्नीचर बनाकर बेच कर पैसा कमाने में लिप्त हैं फिर भी वन विभाग के अधिकारियों का आंख बंद कर बैठना यह साबित करता है कि जंगलों की अवैध कटाई वन विभाग की सरपरस्ती पर खुलेआम चल रही है।

जंगलों के संरक्षण संवर्धन तथा वनों की सुरक्षा के लिए केंद्र व राज्य सरकार प्रतिवर्ष क्षेत्र में करोड़ों रुपए खर्च कर रही है परन्तु वन कर्मियों की लापरवाही के चलते शासन को भारी नुकसान हो रहा है जिसकी जानकारी शासन को भी नही है। इस क्षेत्र में जंगल में बेखौफ होकर हरे-भरे छोटे बड़े बेशकीमती इमारती पेड़ों की अवैध कटाई बिना डर की जा रही है।
कारण यह है कि वनकर्मी अपने क्षेत्र में गश्त नहीं करते हैं। इस कारण लकड़ी तस्कर उसका फायदा उठाकर सागौन सहित अन्य कीमती पेड़ों की कटाई कर रहे हैं,और उसे बेचकर तगड़ी कमाई कर रहे है।लकड़ी माफिया सागौन की कटाई करते है और रात में इस कटी लकड़ी का परिवहन लालबर्रा तहसील के विभिन्न भागों में किया जाता है।
नियमानुसार वन विभाग की टीम को पेड़ों की कटाई की जानकारी मिलने पर पी.ओ.आर दर्ज करना होता है।लेकिन ऐसा नही किया जा रहा है काटे गए कीमती पेड़ बिना पी ओ आर दर्ज किए क्षेत्र में देखे जा सकते है।