भारत में गर्म हवाओं का डेरा, लू लील रही हर साल लाखों जिंदगियां

Rashtrabaan

नई दिल्ली, राष्ट्रबाण. देश की राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ में 17 मई को अधिकतम तापमान 47.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 17 मई को देश में इससे ज्यादा कहीं गर्मी नहीं पड़ी. मौसम विभाग की मानें तो 17 मई को दिल्ली में 14 साल बाद इतनी भीषण गर्मी पड़ी है. वहीं दूसरे नंबर पर हरियाणा का सिरसा रहा, जहां पारा 47.1 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा. स्थिति ये हो गई है कि मौसम विभाग ने हरियाणा, पंजाब, पूर्वी राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात में घातक लू को लेकर ऑरेंज अलर्ट भी जारी कर दिया है.

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हैरान करने वाले आंकड़े

इस बीच, ऑस्ट्रेलिया के मोनाश यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि दुनिया भर में हर साल होने वाली 153,078 मौतों के लिए लू और गर्म हवाएं जिम्मेदार हैं. साल 1990 से 2019 के बीच के आंकड़ों पर आधारित इस रिसर्च में 43 देशों की 750 जगहों पर होने वाली मौतों के आंकड़ों को शामिल किया गया है.

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हर 5वीं मौत भारत में

दुनिया भर में इन 30 वर्षों के बीच लू की वजह से करीब 45,92,326 लोगों की जान गई हैं. अकेले भारत की बात करें तो यहां हर साल लू से औसतन 31,748 मौतें हुई हैं. वहीं दुनिया भर की बात करें तो लू से हर साल 153,078 लोगों की मौत हुई है. भारत के आंकड़ों से इसकी तुलना करें तो लू के कारण होने वाली मौतों में से हर 5वीं मौत भारत में हुई है.

मौत की चार्ट में कौन किस स्थान पर

इस रिसर्च के अनुसार, भारत लू से होने वाली मौतों के मामले में सबसे ऊपर है. हर साल लू से होने वाली लगभग डेढ़ लाख मौतों में 20 फीसदी से ज्यादा हिस्सा भारत का है. वहीं इस मामले में दूसरे नंबर पर भारत का पड़ोसी देश चीन है. यहां लू से हर साल लगभग 21 हजार लोगों की मौत हो जाती है, जबकि तीसरे नंबर पर है रूस. यहां लू से हर साल लगभग 12 हजार लोग अपनी जान गंवा देते हैं, जबकि, अमेरिका में लू से हर साल लगभग 8 हजार लोग अपनी जान गंवा देते हैं.

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