नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी विवाद को लेकर 40 याचिकाओं पर सुनवाई खत्म हुई। यह चौथी सुनवाई थी, जिसमें कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली से राय मांगी है। नीट से जुड़े 40 याचिकाकाओं पर सोमवार को मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की।
आईआईटी दिल्ली की राय लेनी चाहिए
बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि नीट परीक्षा में कैंडिडेट्स को एक सही सवाल के लिए एक सही ऑप्शन चुनना था। परीक्षा में एक सवाल ऐसा था जिसके दो सही ऑप्शन थे। एनटीए को आंसर की में 1 ही सही आंसर देना चाहिए था। 2 सही ऑप्शन देने से 44 स्टूडेंट्स को बोनस मार्क्स मिले और 4.2 लाख कैंडिडेट्स को नुकसान हुआ है। कोर्ट ने आगे कहा कि इस पर दिल्ली आईआईटी के एक्सपर्ट्स की राय लेनी चाहिए। 3 सदस्य की एक्सपर्ट कमेटी एक सही ऑप्शन चुनकर 12 बजे तक रजिस्ट्रार को राय भेजें। सुनवाई के दौरान एनटीए ने माना कि 3300 से ज्यादा छात्रों को गलत पेपर दिया गया था। इन्हें एसबीआई की जगह कैनरा बैंक का पेपर बांटा गया था।
जानिए पेपर लीक पर कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेपर लीक को लेकर सभी आरोपियों के बयान अलग अलग हैं। अगर नीट 4 मई की रात को हुआ है तो जाहिर है कि ट्रांसपोर्टेशन के दौरान नहीं, बल्कि स्ट्रॉन्ग रूम वॉल्ट से पहले हुआ था।