जबलपुर, राष्ट्रबाण। मध्य प्रदेश में लंबे समय से भाजपा शासित है। बात 2018 की करें तो प्रदेश की जनता ने भाजपा को नाकार कर कांग्रेस पर विश्वास जताया लेकिन महज 18 महीने में ही भाजपा ने ऑपरेशन लोटस चला कर अपनी वापसी कर ली। भाजपा शासन की कानून व्यवस्था पर कांग्रेस हमेशा हमलावर रही है। एक बार फिर जबलपुर से पूर्व क्षेत्र के विधायक लखन घनघोरिया ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि बीजेपी के पूर्वमंत्री का तो वही हाल है जैसे उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। उनके खुद के रिश्तेदारों के घरों पर बीते दिनों लाखों रुपए का जुआ सट्टा पकड़ा गया है और वह पुलिस पर कार्रवाई न करने के लिए दबाव बना रहे हैं।
जबलपुर में गुरुवार ( 1 अगस्त ) की देर रात हुई हत्या के बाद घमापुर पुलिस थाने में प्रदर्शन के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व विधायक अंचल सोनकर का पुलिस को धमकाते हुए एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह नगर पुलिस अधीक्षक से थाने में घुसकर मारने की बात करते करते हुए भी सुनाई दे रहे थे। अब इस मामले में कांग्रेस ने बीजेपी के पूर्व मंत्री और विधायक पर ही उल्टे आरोप लगाए हैं।
भाजपा नेताओं के संरक्षण में हो रहे अपराध : घनघोरिया
पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस से पूर्व क्षेत्र के विधायक लखन घनघोरिया ने बताया कि बीते दिनों पुलिस के द्वारा जुआ पकड़ने की दो बड़ी कार्रवाई की गई, जिसमें से एक कार्रवाई पूर्व मंत्री अंचल सोनकर के सगे भाई के नाती के घर पर हुई है तो दूसरी कार्रवाई में उनके नजदीकी रिश्तेदार पकड़े गए है। यही नहीं घमापुर में हुई हत्याकांड के मामले में पीड़ित भी बीजेपी से जुड़ा हुआ है और उसकी हत्या में सामने आ रहे नाम बाबू सिंधी को भी बीजेपी के ही एक वरिष्ठ नेता का संरक्षण है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ही अपराधियों को संरक्षण दे रही है और उल्टा कांग्रेस पर आरोप लगाने के साथ ही पुलिस अधिकारियों से भी अभद्रता की जा रही है। लखन घनघोरिया ने कहा कि घमापुर में हुई हत्या बीजेपी की अंतर्कलह का परिणाम है जिसमें मृतक एवं आरोपी दोनों भारतीय जनता पार्टी से ही जुड़े हुए हैं।
बीजेपी के पूर्व मंत्री के क्षेत्र में चलते है अवैध व्यापार
कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाए की पूर्व मंत्री अंचल सोनकर के घर के आस-पास ही लगभग 10 अड्डों पर अवैध व्यापार चल रहा है। उन अड्डों पर पुलिस के द्वारा कार्रवाई न किए जाने को लेकर दबाव बनाया जाता है, पुलिस से अभ्रदता की जा रही है और उल्टा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पूर्व मंत्री के द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं। तो बीजेपी के पूर्व मंत्री आरोप लगाने के पहले अपने गिरेबान में झांक ले। अब इस मामले में कांग्रेस के द्वारा पुलिस अधीक्षक को एक शिकायती पत्र दिया गया है, जिसमें अपराधियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई है। साथ ही पुलिस की जांच में व्यवधान उत्पन्न करने एवं पुलिस को धमकी देने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है।
एक डाल-डाल तो दूसरा पात-पात
प्रेसवार्ता में कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने बताया कि बीजेपी के विधायकों ने बीते दिनों कोतवाली थाने में भी इसी तरह पहुंचकर पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की थी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अक्सर इसी तरह अपने लोगों को बचाने के लिए दबाव बनाते हैं। हालांकि बीते दिनों एक कांग्रेस के कार्यकर्ता की वाहन चेकिंग के समय पुलिस कर्मियों से किसी बात पर बहस हो गई थी तब कांग्रेस के पूर्व विधायक सहित वर्तमान विधायक लखन घनघोरिया भी खुद बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ थाने पहुंच गए थे और उन्होंने भी इसी तरह से दबाव बनाया था। दोनों पार्टी के नेताओं द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को बचाने और संरक्षण देने की बात करें तो दोनों पार्टियों के एक जैसे हाल है। इन्हे आम जनता से ज्यादा अपने कार्यकर्ताओं की चिंता होती है। छोटे से छोटे मुद्दे पर भी हंगामा खड़ा कर देने वाली दोनों पार्टियों का एक भी नेता अभिभावकों के ऊपर की जा रही निजी स्कूलों की मनमानी के विरोध में सामने नहीं आया। चाहे भारतीय जनता पार्टी हो या कांग्रेस सहित अन्य और पार्टियां। बात अगर जनता के हित की करें तो निजी स्कूलों की लूट मामले में कोई भी जनप्रतिनिधि या नेता अभिभावकों या बच्चों की सुध लेने के लिए खड़ा हुआ नजर नहीं आया। इस प्रकार की राजनीति के विरोध में आम नागरिकों में भी खासा आक्रोश देखा जा रहा है।