नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम-सीएम बिल को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। केजरीवाल ने बिना नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया कि अगर गंभीर आरोपों में शामिल लोगों को पार्टी में शामिल कर मंत्री या मुख्यमंत्री बनाया जाता है, तो क्या ऐसे नेताओं को अपने पद छोड़ने चाहिए? इस बयान ने दिल्ली की सियासत में हलचल मचा दी है, और बीजेपी के खिलाफ AAP की रणनीति को और आक्रामक बना दिया है।
पीएम-सीएम बिल पर सवालों की बौछार
केजरीवाल ने पीएम-सीएम बिल को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जो लोग गंभीर अपराधों में लिप्त हैं, उन्हें बीजेपी अपनी पार्टी में शामिल कर उनके सारे केस खत्म कर देती है और फिर उन्हें बड़े पदों पर बिठा देती है। केजरीवाल ने पूछा कि ऐसे लोगों को कितने साल की सजा मिलनी चाहिए? उन्होंने यह भी सवाल किया कि अगर किसी पर झूठा केस लगाकर जेल भेजा जाए और बाद में वह निर्दोष साबित हो, तो क्या झूठा केस लगाने वाले मंत्री को सजा नहीं मिलनी चाहिए? यह बयान केजरीवाल की अपनी गिरफ्तारी और जेल में बिताए समय की ओर इशारा करता है, जिसे उन्होंने राजनीतिक साजिश करार दिया।
जेल से सरकार चलाने का दावा
केजरीवाल ने दावा किया कि जब केंद्र सरकार ने उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत जेल भेजा, तब भी उन्होंने तिहाड़ जेल से 160 दिनों तक दिल्ली की सरकार चलाई। उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि उस दौरान दिल्ली में बिजली की कटौती नहीं हुई, पानी की आपूर्ति बनी रही, और अस्पतालों में मुफ्त दवाइयां और टेस्ट उपलब्ध थे। केजरीवाल ने मौजूदा बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले सात महीनों में दिल्ली का बुरा हाल हो गया है। उन्होंने कहा कि एक बारिश में दिल्ली की सड़कें तालाब बन गईं, और प्राइवेट स्कूलों की मनमानी बढ़ गई, जो उनकी सरकार में नहीं थी।
दिल्ली की सियासत में नया मोड़
केजरीवाल का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब दिल्ली में सियासी माहौल पहले से ही गर्म है। सितंबर 2024 में केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, और उनकी जगह आतिशी ने कमान संभाली थी। AAP का दावा है कि केजरीवाल को शराब नीति मामले में झूठे आरोपों में फंसाया गया, और सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वे और आक्रामक हो गए हैं। केजरीवाल ने बीजेपी पर दिल्ली की जनता को धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि दिल्लीवासी उनकी सरकार को याद कर रहे हैं। इस बयान ने 2026 के दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सियासी जंग को और तेज कर दिया है।
बीजेपी का जवाबी हमला
बीजेपी ने केजरीवाल के बयान को बेबुनियाद करार दिया है। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि केजरीवाल अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर हमला कर रहे हैं। बीजेपी ने दावा किया कि दिल्ली में उनकी सरकार ने बुनियादी ढांचे को बेहतर करने और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। हालांकि, केजरीवाल के बयान ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है, जहां AAP समर्थक उनकी बातों का समर्थन कर रहे हैं, वहीं बीजेपी समर्थक इसे सियासी ड्रामा बता रहे हैं।
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