बजट की प्रतियां जलाएगा किसान मोर्चा, कहा-खेती में कॉरपोरेट क्यों घुसा?

Rashtrabaan

नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। केंद्रीय बजट को किसानों ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। किसानों के बड़े संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गांवों में बजट की प्रतियां जलाने का आह्वान किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तीखा हमला करते हुए एसकेएम ने उन पर केंद्रीय बजट 2024-25 में किसानों और श्रमिकों की कीमत पर कृषि के कॉर्पोरेटीकरण को तरजीह देने का आरोप लगाया।

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उपेक्षा के कारण किसान आत्महत्या

एसकेएम ने आरोप लगाया कि बजट में किसानों और श्रमिकों के व्यापक ऋण माफी की लंबे समय से लंबित मांग की उपेक्षा की गई है, जबकि आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, देश में हर दिन 31 किसान आत्महत्या कर रहे हैं।

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यह आरोप लगाया

एसकेएम ने कहा- “कोई एमएसपी नहीं, कोई न्यूनतम मजदूरी नहीं, मनरेगा में कोई वेतन वृद्धि नहीं, खाद सब्सिडी में कटौती, 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती में ले जाने से खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी, और सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र में 30 लाख रिक्तियों पर कोई भर्ती नहीं होगी। किसानों और श्रमिकों के लिए कोई व्यापक ऋण माफी नहीं, लेकिन बहुराष्ट्रीय कंपनियों को 5 प्रतिशत टैक्स में कटौती और कॉर्पोरेट्स पर कोई टैक्स नहीं। एसकेएम राष्ट्रीय सहयोग नीति का विरोध करता है, केंद्रीय सहयोग मंत्रालय को खत्म करने की मांग करता है।

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संघीय चरित्र का उल्लंघन

एसकेएम ने खेती के कॉरपोरेटाइजेशन की दिशा में बढ़ने की निंदा करते हुए कहा कि यह राज्य सरकारों के अधिकारों को कमजोर करता है और संविधान के संघीय चरित्र का उल्लंघन करता है। कॉन्ट्रैक्ट खेती को बढ़ावा देने और निजी क्षेत्र के अनुसंधान और विकास को वित्तपोषित करने पर बजट के जोर को पिछले दरवाजे से विवादास्पद कृषि कानूनों को फिर से लागू करने के तरीके के रूप में देखा गया।

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