MP Administrative Reshuffle: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल के तहत 10 वरिष्ठ IAS अधिकारियों को राज्य के सभी 10 संभागों का प्रभारी नियुक्त किया है। यह निर्णय 7 अगस्त 2025 को लिया गया, जिसका उद्देश्य संभाग स्तर पर विकास योजनाओं की बेहतर निगरानी और उनके प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है।
इन अधिकारियों में अपर मुख्य सचिव (ACS) और प्रमुख सचिव (PS) स्तर के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जो भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और चंबल जैसे प्रमुख संभागों में अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे। इस फेरबदल ने राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में नई ऊर्जा लाने की कोशिश की है, जिससे योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंच सके।
संभागीय प्रभारियों की नियुक्ति
मध्य प्रदेश गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार, 10 में से 8 संभागों में अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों को प्रभारी बनाया गया है, जबकि शेष दो संभागों में प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के पूर्व सचिव डॉ. राजेश राजौरा को उनके गृह जिले उज्जैन संभाग का प्रभारी बनाया गया है।
वहीं, नीरज मंडलोई को नर्मदापुरम संभाग की जिम्मेदारी दी गई है। अन्य नियुक्तियों में संजय कुमार शुक्ल को भोपाल, अशोक बर्णवाल को ग्वालियर, मनु श्रीवास्तव को चंबल, अनुपम राजन को इंदौर, संजय दुबे को जबलपुर, दीपाली रस्तोगी को सागर, रश्मि अरुण शमी को रीवा और शिवशेखर शुक्ला को शहडोल संभाग का प्रभारी बनाया गया है।
अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारी
इन वरिष्ठ अधिकारियों को मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देशों के तहत अपने-अपने संभागों में विकास कार्यों की समीक्षा और योजनाओं के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें हर दो महीने में अपने संभाग के सभी जिलों का दौरा करना होगा और वहां चल रही परियोजनाओं का जायजा लेना होगा।
इसके अलावा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नियमित रूप से कार्यों की समीक्षा की जाएगी। इन अधिकारियों को मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित संभागीय बैठकों में अनिवार्य रूप से शामिल होना होगा, ताकि योजनाओं की प्रगति पर सीधा नियंत्रण रखा जा सके। यह कदम सरकार की उस मंशा को दर्शाता है, जिसके तहत प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाकर जनता तक बेहतर सेवाएं पहुंचाई जाएं।
प्रशासनिक फेरबदल का महत्व
यह प्रशासनिक फेरबदल मध्य प्रदेश सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत विकास कार्यों को गति देने और प्रशासनिक जवाबदेही को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। हाल के महीनों में राज्य में कई बार IAS और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले हुए हैं, जिसमें कलेक्टरों और विभागीय सचिवों की नियुक्तियां शामिल हैं।
उदाहरण के लिए, हाल ही में इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह को सिम्हस्थ मेला अधिकारी की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी, जबकि उज्जैन में रोशन सिंह को नया कलेक्टर बनाया गया। यह फेरबदल विकास परियोजनाओं को गति देने और स्थानीय स्तर पर बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में एक कदम है।
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