अमृतसर, राष्ट्रबाण: पंजाब में हाल की बाढ़ से तबाह हुए इलाकों के लिए केंद्र सरकार के राहत पैकेज पर सियासत गरमाई हुई है। अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित पैकेज को “नाकाफी” बताते हुए कहा कि पंजाबियों के साथ साफ भेदभाव हुआ है। उन्होंने 1988 की बाढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि आज के दौर में नुकसान कहीं ज्यादा है, लेकिन राहत राशि पुरानी तुलना में बहुत कम है।
औजला का तीखा हमला
सांसद औजला ने कहा, 1988 की बाढ़ में पंजाब को 100 करोड़ रुपये का पैकेज मिला था। उस समय महंगाई आज की तुलना में बहुत कम थी, और घर ज्यादातर कच्चे बने होते थे, इसलिए नुकसान सीमित रहता था। लेकिन अब हालात बिल्कुल अलग हैं। बाढ़ ने फसलें बर्बाद कर दीं, घर डूब गए, सड़कें और पुल टूट चुके हैं। पंजाब आर्थिक रूप से 20 साल पीछे चला गया है। फिर भी केंद्र ने इतनी कम राशि दी है, जो बाढ़ पीड़ितों की मदद के लायक भी नहीं। औजला ने इसे राज्य के साथ “स्पष्ट भेदभाव” करार दिया।
उपराष्ट्रपति चुनाव पर भी सवाल
औजला ने उपराष्ट्रपति चुनाव में पंजाब के तीन सांसदों के वोट न डालने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, ये कदम भाजपा को फायदा पहुंचाने वाला है। लोकतंत्र में नाराजगी जताने का तरीका वोट डालना ही है। सही उम्मीदवार का साथ देकर ही देश के हित में फैसले लिए जा सकते हैं। वोटिंग न करना अनुचित है। उनका इशारा विपक्ष के रुख की ओर था, जो चुनाव में हिस्सा न लेने का फैसला ले चुका है।
पंजाब की बाढ़ से तबाही
पंजाब में मानसून की भारी बारिश और बाढ़ ने कई जिलों को प्रभावित किया है। हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हो गईं, जबकि सैकड़ों परिवार बेघर हो गए। केंद्र सरकार ने हाल ही में 500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन विपक्ष का कहना है कि ये राशि राज्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए बिल्कुल अपर्याप्त है। औजला ने मांग की है कि पैकेज को बढ़ाया जाए और पंजाब के साथ समान व्यवहार किया जाए।
इस बयान से पंजाब में राजनीतिक बहस तेज हो गई है। कांग्रेस ने केंद्र पर राज्य को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है, जबकि बीजेपी ने पैकेज को तुरंत राहत बताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बाढ़ से निपटने के लिए लंबे समय की योजना जरूरी है, जिसमें पुनर्वास और बुनियादी ढांचे की मरम्मत शामिल हो। औजला का बयान विपक्ष की रणनीति का हिस्सा लग रहा है, जो आगामी चुनावों में इस्तेमाल हो सकता है।
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