मध्य प्रदेश में मॉनसून की भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। प्रदेश सरकार के अनुसार, पिछले 40 दिनों में बारिश, बाढ़, बिजली गिरने और अन्य हादसों में 252 लोगों और 432 पशुओं की मौत हो चुकी है। 3,628 लोगों को बचाया गया है, जिनमें से 3,065 लोग 53 राहत शिविरों में रह रहे हैं। प्रभावितों के लिए 28.49 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित की गई है।
बारिश से भारी नुकसान
मध्य प्रदेश में इस मॉनसून सीजन में सामान्य से 59% अधिक 711.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है। 40 जिलों में अत्यधिक बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। नर्मदा और बैतूल नदियों के उफान से डिंडोरी-जबलपुर मार्ग पर जोगीटिकरिया पुल डूब गया। 128 मकान पूरी तरह नष्ट हो गए, जबकि 2,333 मकानों को आंशिक क्षति हुई। 254 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं। भारी बारिश से 47, नदी-नालों में डूबने से 132, बिजली गिरने से 60, और मकान या पेड़ गिरने से 13 लोगों की जान गई। इसके अलावा, 432 मवेशी और 1,200 मुर्गियाँ मारी गईं।
राहत और बचाव कार्य तेज
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला कलेक्टरों के साथ बैठक की और राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने प्रभावितों को तत्काल मदद सुनिश्चित करने और नुकसान का सर्वे जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। भारतीय सेना, NDRF, SDRF, पुलिस और होमगार्ड की संयुक्त टीमें 432 रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटीं, जिनमें 3,628 लोगों और 94 मवेशियों को बचाया गया। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और धार में NDRF टीमें तैनात हैं, जबकि SDRF संवेदनशील क्षेत्रों में सक्रिय है। सरकार ने राहत और पुनर्वास के लिए 3,600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
प्रभावित जिलों में हालात गंभीर
गुना, शिवपुरी, सिवनी, मंडला, खंडवा और खरगोन जैसे जिलों में हालात सबसे गंभीर रहे। गुना में 24 घंटे में 13 इंच बारिश हुई, जिससे घरों में पानी घुस गया और साँप-बिच्छू जैसे जीव घरों में दिखे। सिलवानी में 10 फीट तक पानी भरने से लोग छतों पर शरण लेने को मजबूर हुए। सोशल मीडिया पर लोग इसे मध्य प्रदेश का सबसे भयावह मॉनसून बता रहे हैं। IMD ने रविवार को सिवनी, मंडला, खंडवा और खरगोन के लिए रेड अलर्ट जारी किया था, जो अब कमजोर पड़कर लो-प्रेशर एरिया में बदल गया है।
सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रभावितों को खाना, दवाइयाँ और कपड़े जैसी सभी जरूरी सुविधाएँ दी जा रही हैं। गुना के SP अंकित सोनी ने बताया कि पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। सरकार ने नुकसान की भरपाई के लिए त्वरित कदम उठाने का वादा किया है। यह मॉनसून मध्य प्रदेश के लिए अभूतपूर्व चुनौती बनकर उभरा है।
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