MP News : Datia में आंगनबाड़ी भर्ती में गजब खेल! शादीशुदा को कुंवारी, फर्जी बीपीएल कार्ड से मिली नौकरी, मचा हड़कंप

मध्य प्रदेश के दतिया जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कहीं शादीशुदा महिला को अविवाहित बताकर नौकरी दिला दी गई, तो कहीं फर्जी बीपीएल कार्ड लगाकर उम्मीदवारों को चयनित कर लिया गया। मामले के उजागर होते ही विभागीय कार्यप्रणाली और चयन समिति की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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दतिया, राष्ट्रबाण। मध्य प्रदेश के दतिया (Datia) जिले से आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। हाल ही में जारी हुई अस्थायी चयन सूची में कई ऐसे नाम हैं, जिनकी पात्रता और दस्तावेजों पर बड़ा सवाल उठ रहा है। कहीं शादीशुदा महिला को अविवाहित दिखाकर चयन कर लिया गया, तो कहीं फर्जी बीपीएल कार्ड का सहारा लेकर नौकरी हड़प ली गई। इस पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब कुछ आपत्तिकर्ताओं ने चयनित उम्मीदवारों के दस्तावेज विभाग से सत्यापित कराए।

जानकारी के अनुसार, जिले में 42 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 228 सहायिकाओं की भर्ती की जा रही है। इसके लिए 3 जून 2025 को ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई थी और 6 अगस्त से दावा-आपत्ति ली गई थी। दतिया शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों, इंदरगढ़, भाण्डेर और सैवढ़ा ब्लॉकों में यह भर्ती प्रक्रिया चली। लेकिन चयन समिति ने दस्तावेजों के गहन सत्यापन को नजरअंदाज कर दिया, जिससे बड़ी संख्या में गड़बड़ी के मामले सामने आए।

सबसे चौंकाने वाली घटना वार्ड क्रमांक-2 केंद्र की है। यहाँ सहायिका पद के लिए आवेदन करने वाली बबीता रायकवार ने खुद को अविवाहित बताया, जबकि दस्तावेजों और पड़ताल से पता चला कि उनकी शादी दो साल पहले सतीश रायकवार नामक व्यक्ति से हो चुकी है। इसके बावजूद उन्हें नियुक्ति सूची में शामिल कर लिया गया।

इसी तरह ग्राम कडूरा आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका पद के लिए आवेदन करने वाली रानी जाटव का मामला सामने आया। उन्होंने सिर्फ बीपीएल राशन कार्ड के पहले पेज की फोटोकॉपी संलग्न की और अंकन के दौरान पूरे 5 अंक प्राप्त कर लिए। जबकि नियमों के मुताबिक पूरे दस्तावेज जमा करना अनिवार्य था। यही नहीं, आधा दर्जन से अधिक उम्मीदवारों ने इसी तरह फर्जी बीपीएल कार्ड से फायदा उठाया और चयन सूची में अपना नाम दर्ज करवा लिया।

इस गड़बड़झाले से आंगनबाड़ी भर्ती की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोगों और अभ्यर्थियों का कहना है कि चयन समिति ने बिना उचित जांच-पड़ताल किए ही नियुक्तियाँ कर दीं। इससे उन योग्य और जरूरतमंद महिलाओं के हक पर डाका डाला गया, जो वास्तव में इस पद के लिए पात्र थीं।

इस पूरे मामले पर दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अभी अंतिम सूची जारी नहीं हुई है। जिन मामलों पर आपत्तियाँ आई हैं, उनका निराकरण जिला पंचायत सीईओ करेंगे। इसके बाद ही अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी। कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि गड़बड़ी में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

गौरतलब है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पदों पर चयन के लिए सरकार ने पात्रता मानदंड और अंकन प्रणाली तय की है। लेकिन दतिया में सामने आए इन मामलों ने साबित कर दिया है कि नियम-कायदों की अनदेखी करके गलत तरीके से चयन किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर, दतिया जिले की यह भर्ती अब जांच के घेरे में आ गई है। अंतिम सूची जारी होने से पहले यदि कड़ी जांच और छंटनी नहीं की गई तो यह विवाद और गहराएगा। जनता की निगाहें अब जिला प्रशासन और पंचायत विभाग पर टिकी हैं कि वे इस गड़बड़झाले को किस तरह सुधारते हैं और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं।

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