मध्य प्रदेश में बनेगी रेल कोच फैक्ट्री, 5000 युवाओं को मिलेगा रोजगार

Rahul Maurya

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में जल्द ही एक आधुनिक रेल कोच फैक्ट्री शुरू होने जा रही है। इस फैक्ट्री में वंदे भारत, अमृत भारत और मेट्रो ट्रेनों के कोच बनाए जाएँगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को रायसेन के औबेदुल्लागंज में इस परियोजना का भूमिपूजन किया। यह फैक्ट्री न केवल भारतीय रेलवे को मजबूत करेगी, बल्कि हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोलेगी।

1800 करोड़ की परियोजना से बदलेगी तस्वीर

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस परियोजना को मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि यह फैक्ट्री भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) द्वारा 1800 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है। यह परियोजना रायसेन जिले के उमरिया गाँव में 60 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर शुरू होगी। इससे भोपाल, रायसेन, सीहोर और विदिशा जैसे आसपास के जिलों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। खास तौर पर, तकनीकी संस्थानों के छात्रों को इस प्रोजेक्ट से रोजगार के कई अवसर प्राप्त होंगे।

हजारों नौकरियाँ और मेक इन इंडिया को बढ़ावा

इस रेल कोच फैक्ट्री से करीब 5000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है। शुरुआत में यह फैक्ट्री हर साल 125 से 200 कोच बनाएगी, लेकिन अगले पाँच सालों में इसकी क्षमता बढ़ाकर 1100 कोच प्रतिवर्ष करने का लक्ष्य है। यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया मिशन का हिस्सा है, जो देश में स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा दे रही है। यहाँ बने कोच भारतीय रेलवे की आधुनिक ट्रेनों की जरूरतों को पूरा करेंगे और आयात पर निर्भरता कम करेंगे।

भव्य समारोह में दिखा उत्साह

भूमिपूजन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस अवसर पर BEML की इस परियोजना पर आधारित एक लघु फिल्म दिखाई गई और नए प्लांट का 3डी मॉडल भी प्रदर्शित किया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह परियोजना मध्य प्रदेश को रेल विनिर्माण के नक्शे पर एक प्रमुख स्थान दिलाएगी।

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