नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं ने शासन के मुद्दों पर लगातार दूसरे दिन रविवार को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ मैराथन बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में जारी विभिन्न विकास योजनाओं पर प्रस्तुतियां दीं। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और जे पी नड्डा ने बैठक में हिस्सा लिया। नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। ‘मुख्यमंत्री परिषद’ की दो दिवसीय बैठक शनिवार को शुरू हुई थी।
सुशासन पर दिया जोर
पीएम मोदी ने अपनी टिप्पणी में, भाजपा शासित राज्यों में जारी कल्याणकारी योजनाओं की कवरेज सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इसे सुशासन के उदाहरण के तौर पर देखा जाना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों, खासकर गरीबों की मदद के लिए भाजपा शासित राज्यों की सरकारों के प्रयासों का उल्लेख किया।
कल्याणकारी पहल लागू होंगे
उन्होंने शनिवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था कि हमारी पार्टी सुशासन को आगे बढ़ाने और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। भाजपा द्वारा नियमित अंतराल पर आयोजित ‘मुख्यमंत्री परिषद’ का उद्देश्य राज्यों में प्रमुख योजनाओं की समीक्षा करना, शासन के सर्वोत्तम तौर-तरीकों और केंद्र सरकार की कल्याणकारी पहल को लागू करना है।
क्यों अहम है यह बैठक?
बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा, राजस्थान के भजनलाल शर्मा और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी शामिल हुए। मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हरियाणा, मणिपुर और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने भी विचार-विमर्श में हिस्सा लिया। यह बैठक, 23 जुलाई को संसद में केंद्रीय बजट पेश किए जाने के बाद हो रही है। विपक्ष ने बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष तवज्जो दिये जाने और अन्य राज्यों की अनदेखी करने के लिए केंद्र की आलोचना की है।
मोदी 3.0 की पहली और महत्वपूर्ण बैठक
लोकसभा चुनाव के बाद यह पहली बैठक है। हालिया आम चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और पार्टी संसद के निचले सदन में अपने बूते बहुमत का आंकड़ा हासिल नहीं कर सकी। हालांकि, पार्टी नेताओं ने कहा कि बैठक में शासन के मुद्दे चर्चा के केंद्र में हैं। इस तरह की पिछली बैठक फरवरी में हुई थी।
13 मुख्यमंत्रियों ने लिया हिस्सा
शुक्रवार से शुरु हुए बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के परिषद में हिस्सा लेने के लिए 13 मुख्यमंत्री और 15 उपमुख्यमंत्री बीजेपी मुख्यालय पहुंचे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ये मैराथन बैठक चली। बैठक में सबसे खास रहा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का प्रस्तुतिकरण। वे ऐसे इकलौते केंद्रीय मंत्री थे, जिन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीतियों को राज्य सरकार कैसे लागू कर सकती है इसे बताया।
किस राज्य की तरफ से क्या बताया गया?
-असम के मुख्यमंत्री ने रिक्त पदों को पारदर्शी तरीके से कैसे भरा जाए इसे लेकर रोडमैप सामने रखा।
-बिहार ने अवैध खनन को रोकने के प्रयास को बताया।
-गुजरात ने सौर ऊर्जा के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।
-उत्तर प्रदेश ने एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनॉमी कैसे बने उसको लेकर प्रस्तुतिकरण दिया।
पीएम ने इस पर जोर दिया
सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा इस बैठक में राम मंदिर कॉरिडोर और काशी विश्वनाथ कंरिडोर की तर्ज पर राज्य कैसे अपने अपने प्रमुख मंदिरों के विकास को लेकर योजना बनाए, उसको लेकर भी चर्चा हुई।सरकार की नीतियों का लाभ जनता तक सीधे पहुंचाने पर प्रधानमंत्री ने जोर दिया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 2047 तक भारत को कैसे विकसित भारत राज्य और केंद्र के संयोजन से बनाया जाए इसे लेकर विस्तार से बताया।