Satyapal Malik Net Worth: ना बंगला, ना कार, सिर्फ एक फ्लैट, सत्यपाल मलिक की सादगी देख दंग रह जाएंगे आपजम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का 5 अगस्त को 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में किडनी की बीमारी के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके सादगी भरे जीवन और 76 लाख रुपये की संपत्ति ने सुर्खियाँ बटोरीं, जिसमें उन्होंने खुद को “एक कमरे के फ्लैट” में रहने वाला बताया था।
पाँच दशकों का सियासी सफर
सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत में हुआ था। मेरठ विश्वविद्यालय से विज्ञान और कानून की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने 1968-69 में छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में राजनीति शुरू की। 1974 में चौधरी चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल से बागपत विधानसभा सीट जीती। 1980 और 1986 में राज्यसभा सांसद रहे, और 1989 में जनता दल से अलीगढ़ से लोकसभा सांसद बने। 2004 में BJP से बागपत लोकसभा चुनाव हारे, लेकिन पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने। वह बिहार, गोवा, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे, जहाँ 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने का ऐतिहासिक फैसला हुआ।
76 लाख की संपत्ति का खुलासा
2004 के लोकसभा चुनाव में सत्यपाल मलिक ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया, जिसके अनुसार उनकी कुल नेटवर्थ 76.89 लाख रुपये थी। इसमें 19 लाख रुपये बैंक डिपॉजिट, 2.10 लाख रुपये के बॉन्ड और शेयर, और 1 लाख रुपये की सोने की ज्वेलरी शामिल थी। उनकी 21.2 एकड़ कृषि भूमि की कीमत 13 लाख और दो घरों की कीमत 40 लाख रुपये थी। उन्होंने 3.14 लाख का कर्ज भी बताया। उनके पास न तो गाड़ी थी और न ही जीवन बीमा पॉलिसी। मलिक ने एक बार कहा था कि उनका बेटा, डेव कैबिर मलिक, जो एक ग्राफिक डिज़ाइनर है, उनसे कहीं अधिक कमाता है।
विवाद और रिश्वत के दावे
सत्यपाल मलिक का नाम जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में 2,200 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में आया। CBI ने उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। मलिक ने दावा किया कि उन्हें राज्यपाल रहते 150-150 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश हुई, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। 2019 के पुलवामा हमले पर भी उन्होंने सरकार की चुप्पी और खुफिया नाकामी की आलोचना की थी। उनकी यह टिप्पणी कि वह “कर्ज में हैं और एक कमरे के फ्लैट में रहते हैं” सोशल मीडिया पर वायरल हुई।
देश भर से श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर लिखा, “सत्यपाल मलिक जी के निधन से दुखी हूँ। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना।” कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने उन्हें “किसानों की आवाज” बताया। ममता बनर्जी ने उनकी साहसी टिप्पणियों की सराहना की। मलिक के निधन ने भारतीय राजनीति में एक युग का अंत कर दिया। अंतिम संस्कार 6 अगस्त को दिल्ली के लोधी श्मशान घाट में होगा। सोशल मीडिया पर लोग उनकी सादगी और स्पष्टवादिता की चर्चा कर रहे हैं।
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