सिवनी, राष्ट्रबाण। 29 मई 2024 की शाम को दल सागर तालाब के पास विजय बघेल की लाश मिली। मौत को लेकर कई चर्चा हो रही है हाँकि की पुलिस ने सूचना के बाद मर्ग कायम कर जाँच शुरू कर दी है लेकिन कई एंगल पर जाँच न होने से आरोपी को इसका फायदा मिल रहा है और वह कानून को गुमराह कर रहा है।
जानकारी के अनुसार विजय बघेल लगभग 15 दिन पहले ही कमरूद्दीन उर्फ़ कमरू की दुकान में काम पर लगा था। किसी ग्राहक को गलत सामान देने को लेकर कमरू द्वारा विजय की बेरहमी से पिटाई की गई। एक चश्मदीद ने अपना नाम न छपने की शर्त पर बताया की कमरू द्वारा विजय की छाती पर लात मरते हुए उसे बड़ी बेरहमी से पिटा जिससे दहशत में आकर दल सागर किनारे दीवार से टिक कर बैठ गया और बेहोश हो गया। प्रत्यक्षदर्शी ने यह भी बताया की विजय के मुंह से खून निकल रहा था जिसे कमरू और उसके एक कर्मचारी लक्ष्मण ने पानी डाल कर साफ किया। घंटो बेहोशी की हालत में वह वही पड़ा रहा और विजय की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।

शफीक ने कराया था अतिक्रमण
शराब दुकान के समीप एक ठेला जमा कर कमरू वहां डिस्पोजल और अन्य खाद्य सामग्री बेचता है। बताया जाता है की कमरू का यह ठेला स्वयं नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान के संरक्षण में जमाया गया है। इस पर पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं किया जाना भी कई सवाल खड़े करता है। जानकार बताते है की शिकायत होने पर पुलिस द्वारा ठेला हटाने की कार्यवाही की गई थी लेकिन शफीक ने हस्तक्षेप करते हुए चीखते हुए कहा था की यह मेरी दुकान है देखता हूँ इसे कौन माईका लाल हटाता है। जिसके बाद पुलिस भी बेरंग लौटने पर मजबूर हो गई।

कौन है कमरू?
कमरू वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान का खास गुर्गा है। यह पहले भी हत्या के आरोप में दोषी करार हुआ जिसमे जेल की हवा खा चूका है। बताता जाता है कि कमरू पूर्व खेल अधिकारी मकसूदा मिर्जा का भाई है और इसके जीजा पुलिस विभाग में बड़े पदों पर अपनी सेवा दे चुके है। जानकार बताते है कि यह पहले भी गैंग चला चूका है और शराब दुकान बंद होने पर क्षेत्र में अवैध तरीके से शराब बेचने का काम करता है।

लक्षमण से हुई कड़ाई से पूछताछ तो खुलेंगे कई राज
विजय बघेल की मौत पर परिवारजनो द्वारा मारपीट कर हत्या की आशंका जताई जा रही है। तो इस मामले में पुलिस भी जाँच में ढील डोरी बरत रही है। पुलिस द्वारा कमरू को हिरासत में लेकर बिना पूछताछ किये ही कुछ घंटो में छोड़ दिया गया। सूत्रों की माने तो कमरू को छोड़ने के लिए राजनैतिक दबाव दिया गया है। जानकार बताते है कि कमरू की दुकान में विजय के साथ लक्षमण नामक युवक भी काम करता था जो पूरी घटना का प्रत्यक्षदर्शी है। पुलिस अगर लक्षमण से कड़ाई से पूछताछ करेगी तो लक्षमण मारपीट और मौत के कई राज खोलेगा।
मुर्दो का शहर
विजय बघेल मारपीट मामले की घटना शाम के समय की बताई जा रही है। उस समय क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगो का आना जाना लगा रहता है। सैकड़ो लोगो का आवागमन और व्यापारियों के बीच एक युवक के साथ हुई मारपीट और उसकी मौत पर समाज को कानून व्यवस्था की दुहाई देने वालो द्वारा मारपीट की घटना को बताने में परहेज कर रहा है। समाज और शहर का यह मुर्दापन अपरधियों के हौसले बुलंद कर समाज में अपराध फैला रहा है।