जनपद पंचायत अध्यक्ष की बेटी के प्यार का कहर, समलैंगिक मित्र ने खाया जहर

Rashtrabaan
Highlights
  • पिता की बीमारी के नाम पर जनपद अध्यक्ष ने बुलाया बेटी, अब तक लापता
  • छः महीने से दोनों के बीच थे संबंध, 15 दिनों से रह रही थी साथ

    सिवनी, राष्ट्रबाण। समलैगिंक प्यार को समाज में भले ही स्वीकार नहीं किया हो लेकिन हमारे देश की सर्वोच्च न्यायलय ने इन्हे साथ रहने की सहमति जताई है और दोनों को साथ रहने को मौलिक अधिकार माना है। देश भर में ऐसे कई मामले प्रकाश में आये है जिन पर समलैंगिक मित्र या यूं कहे प्रेमी साथ रह रहे है। ऐसा ही मामला सिवनी नगर में प्रकाश में आया है जहां दो समलैंगिक मित्र एक दूसरे से प्यार कर बैठी और साथ जीने मरने की कसम खा कर जीवन साथ बिताने की ठान ली। लेकिन कहते है न यह दुनिया प्यार की दुश्मन है वह कभी भी दो प्रेमियों को एक नहीं होने देती। कुछ यूं ही हुआ मुस्कान और साक्षी की प्रेम कहानी में जहां दोनों के प्रेम के बीच राजनीति में रसूख रखने वाली माँ आ गई।

    मुस्कान ने राष्ट्रबाण से चर्चा करते हुए बताया की साक्षी (जनपद पंचायत अध्यक्ष की बेटी) और वह एक अच्छे मित्र थे। दोनों में समय के साथ लगाव बढ़ गया और यह दोस्ती प्यार में बदल गई। साक्षी और मुस्कान दोनों एक साथ एक दूसरे के साथ समय गुजारने लगी। फिर दोनों ने एक दूसरे के साथ पूरा जीवन बिताने का निर्णय लिया लेकिन जब यह बात उसके घर वालो को पता चली तो उन्होंने एतराज जताया लेकिन मुस्कान ने अपने परिवार वालो को अपने समलैंगिक संबंध में खुश रहने की बात कही तो उसके परिवार वाले मान गए। लेकिन इस संबंध से राजनीति में प्रभाव रखने वाली किरण भलावी (जनपद पंचायत अध्यक्ष) और पूरा परिवार ने विरोध जताया और बेटी के इस फैसले का विरोध किया।

    मुस्कान के अनुसार 23 जनवरी को उसका जन्मदिन के बाद से वह दोनों साथ में रह रही थी। दोनों ही समलैंगिक मित्र लगभग 15 दिनों से साथ में रह रही थी। दोनों के साथ रहने से भलावी परिवार नाराज था, जिसके बाद वह अपनी बेटी को घर वापिस बुलाने के लिए प्रयास कर रहा था लेकिन उनकी सारी कोशिश नाकामयाब हो गई तो उन्होंने साक्षी के पिता की तबियत गंभीर रूप से ख़राब होने की बात कहते हुए घर बुलाया और उसके बाद दोनों को मिलने नहीं दिया। घटना में गड़बड़ी को देखते हुए मुस्कान ने साक्षी से मिलने की जिद की तो किरण के परिवार ने मुस्कान की शिकायत करने की बात कही और उसके परिवार ने जनपद पंचायत अध्यक्ष लिखे वाहन साक्षी को बताया और घर से निकल गए। मुस्कान ने वाहन का पीछा किया वह सोच रही थी की उसके परिवार वाले साक्षी को थाने ला रहे है लेकिन उनका वाहन थाने से आगे निकल गया तो मुस्कान ने समझा की शायद साक्षी के परिवार वाले उसके घर जा रहे है लेकिन उसकी यह सोच भी गलत निकली और गाड़ी नागपुर की और रवाना हो गई जिसका मुस्कान ने गोपालगंज तक पीछा किया और वह वहा बेहोश हो गई। उसके बाद की घटना पर मुस्कान कहती है की मुझे कुछ यद् नहीं है लेकिन साक्षी से न मिलने की वजह से हताश हो कर उसने जहर खा लिया था। वह कहती है की मुझे साक्षी से एक बार बात करना है उसके परिवार वाले शायद उससे मारपीट तो नहीं कर रहे या कोई अप्रिय घटना तो करीत नहीं किये।

    साक्षी ने किया था प्रपोज
    मुस्कान बताती है की 27 अगस्त को साक्षी ने अपने प्यार का इजहार किया था। साक्षी ने शादी का भी प्रस्ताव रखा। शुरुवात में मुस्कान ने इस प्रस्ताव को दोस्ती के रूप में स्वीकार किया उसके बाद दोनों के बीच प्यार हो गया तो दोनों ने साथ में लिवइन में रहने का निर्णय लिया। 23 जनवरी को मुस्कान का जन्मदिन मानाने के बाद दोनों साथ में रहने लगे थे। दोनों के साथ में रहने से भलावी परिवार नाराज था।

    साक्षी की हत्या की आशंका
    मुस्कान अपनी समलैंगिक मित्र से बात न होने पर कई संदेह व्यक्त कर रही है तो वही इस मामले को लेकर शहर में चर्चाओं का बाजार भी गर्म है। चूँकि मामला राजनीति से जुड़े परिवार का है तो लोग यह संदेह भी जता रहे है की शायद परिवार अपनी इज्जत बचाने के लिए ऑनर किलिंग जैसे घातक कदम उठा सकता है। क्यूंकि मामले से किरण की राजनीति पर भी प्रभाव पड़ता दिखाई दे रहा है। ऐसी आशंका के बाद पुलिस प्रशासन का दायित्व बनता है की वह स्वतः मामले को संज्ञान लेकर साक्षी की खोज करना चाहिए। क्योकि दो सेम जेंडर को साथ रहने का मौलिक अधिकार है यह बात हमारे देश की सर्वोच्च न्यायलय भी मानती है।

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