खनिजों पर टैक्स ले सकती है राज्य सरकारें, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से झारखंड के अलावा इन राज्यों को होगा फायदा

Rashtrabaan

नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। सुप्रीम कोर्ट की 9 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने व्यवस्था दी कि खनिजों पर दी जाने वाली रॉयल्टी टैक्स नहीं है। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना ने इस बात पर असहमतिपूर्ण फैसला दिया है कि खनिजों पर दी जाने वाली रॉयल्टी टैक्स है या नहीं। खनिजों पर लगने वाली रॉयल्टी पर प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 9 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने विभिन्न राज्य सरकारों, खनन कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की 86 याचिकाओं के समूह पर 8 दिन तक सुनवाई करने के बाद 14 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

- Advertisement -

संसद के पास शक्ति नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने 8:1 के बहुमत से दिए गए फैसले में गुरुवार को कहा कि संसद के पास, संविधान के प्रावधानों के तहत खनिज अधिकारों पर टैक्स लगाने की शक्ति नहीं है। कोर्ट के बहुमत वाले फैसले में कहा गया है कि संविधान के तहत राज्यों के पास खदानों और खनिज युक्त भूमि पर टैक्स लगाने का विधायी अधिकार है।

- Advertisement -

विरोध में न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना

बहुमत के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्ष 1989 में 7 न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा दिया गया वह फैसला सही नहीं है, जिसमें कहा गया था कि खनिजों पर रॉयल्टी टैक्स है। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने कहा कि राज्यों के पास खदानों और खनिज युक्त भूमि पर टैक्स लगाने का विधायी अधिकार नहीं है।

- Advertisement -

झारखंड के साथ इन राज्यों को होगा फायदा

शीर्ष अदालत के इस फैसले से खनिजों के मामले में समृद्ध राज्यों को लाभ पहुंचेगा। इन राज्यों में झारखंड के अलावा ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्य शामिल हैं।

- Advertisement -

31 जुलाई को मामले की फिर सुनवाई

राज्यों ने खदानों और खनिजों पर केंद्र द्वारा अब तक लगाए गए करों की वसूली पर सुप्रीम कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगा। कोर्ट ने कहा कि वह खदानों और खनिजों पर केंद्र द्वारा अब तक लगाए गए टैक्स की वसूली के मुद्दे पर 31 जुलाई को विचार करेगा।

- Advertisement -

Share This Article
Leave a comment
error: Content is protected !!